Pomegranate Cultivation: हरियाणा के सिरसा जिले के अनारों की विदेशों में भी है मांग, इस गांव का किसान कमाता है लाखों रुपए

Success Story: हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले में राजस्थान सीमा पर बसे खेड़ी गांव के किसान रणधीर फगेड़िया द्वारा लगाए गए अनार के बाग की चर्चा आजकल पूरे हरियाणा में हो रही है।
खेड़ी गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर 6 एकड़ भूमि में किसान रणधीर द्वारा लगाए गए बाग में अनारों की क्वालिटी को देखते हुए अब इसकी मांग विदेश में भी होने लगी है, जो आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है।
किसान रणधीर ने बताया कि उन्होंने आज से 4 साल पहले अपने खेत में लगभग 6 एकड़ जमीन पर अनार का बाग लगाया था। जिससे प्राप्त हुए अनार के फल की सप्लाई विदेशों में भी होने लगी है।
उन्होंने कहा कि अनार की क्वालिटी अच्छी होने के कारण और विदेशों से अनार की मांग आने के चलते इस बार लगभग 16 लाख से ऊपर बचत हुई है। उन्होंने बताया कि इस बार अगर मौसम अच्छा रहता है और अनार का बाग फल सही तरीके से उठा लेता है, तो इससे होने वाली बचत लगभग दोगुनी होकर 30 लाख तक पहुंच सकती है।
आंध्रप्रदेश के व्यापारी ने खरीदे 200 क्विटल अनार
सिरसा जिले के खेड़ी गांव में अनार की खेती करने वाले किसान रणधीर फगेड़िया ने बताया कि इस बार उनके बाग में हुई अनार की फसल को बेचने हेतु कहीं शहर या मंडी वगैरा में नहीं जाना पड़ा। क्योंकि इस बार उनके बाग के अनार खरीदने हेतु आंध्र प्रदेश की व्यापारी स्वयं चलकर खेड़ी पहुंचे।
व्यापारी अनार तैयार होने से पहले पूरे बाग को देखकर गए थे। इसके बाद जब अनार पककर पूरी तरह से तैयार हो गया, तो यह व्यापारी कोल्ड स्टोर लगे हुए ट्रकों के साथ खेत में पहुंचे और लगभग 200 क्विंटल से ऊपर अनार खरीद कर ले गए। उन्होंने बताया कि उनके खेत से ही व्यापारियों ने 91 रुपए प्रति किलो के हिसाब से अनार की खरीद की।
प्राकृतिक खाद का करते हैं बाग में प्रयोग
खेड़ी गांव के किसान रणधीर फगेड़िया अपने अनार के बाग में कीटनाशक दवाइयों की जगह प्राकृतिक खाद का ज्यादा उपयोग करते हैं। रणधीर बताते हैं कि हम जितना अधिक कीटनाशक का प्रयोग करेंगे उतनी ही जमीन की ताकत कमजोर होगी।
क्योंकि जमीन के अंदर करोड़ों की संख्या में ऐसे जीवाणु होते हैं जो जमीन को उपजाऊ बनाते हैं। अगर हम कीटनाशक दवाइयां का प्रयोग करते हैं तो जमीन का उपजाऊ बनाने वाले जीवाणु खत्म हो जाते हैं। जिससे आने वाले समय में हमारी जमीन पैदा देनी बंद कर देती है।
उन्होंने बताया कि वह कीटनाशक दवाइयों की जगह आंवला, घुड़, गोमूत्र जैसी कई देसी चीजों को मिलाकर उन्हें कई महीने सड़ाकर घोल तैयार करते हैं और उसका बाग में छिड़काव करते हैं। इससे अनार की पैदावार अच्छी होने के साथ-साथ जमीन भी उपजाऊ बनती है।
बांग्लादेश, श्रीलंका, दुबई जैसे देशों में होता है एक्सपोर्ट
सिरसा जिले के खेड़ी गांव के किसान रणधीर के बाग में होने वाले अनारों की मांग कई देशों में होने लगी है। आंध्रप्रदेश से आए व्यापारियों ने बताया कि रणधीर के खेत में हुए अनार की क्वालिटी को देखते हुए इसे कोल्ड स्टोर कर श्रीलंका, दुबई और बांग्लादेश के साथ दूसरे देशों में भी सप्लाई किया जाएगा।
व्यापारियों ने बताया कि हम किसान को 91 प्रति किलो के हिसाब से अनार की पूरी कीमत अदा करेंगे। इसे सप्लाई करने के दौरान जो भी ट्रांसपोर्ट का खर्च आएगा वह हमारा रहेगा। रणधीर ने बताया कि इस बार जो फसल होगी वह विदेशों में अनार की मांग को देखते हुए 100 से 150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकने का अनुमान है।
सरकारी नौकरी के साथ करते हैं बाग की खेती
हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले में राजस्थान की सीमा पर बसे खेड़ी गांव के किसान रणधीर फगेड़िया रोडवेज विभाग में ड्राइवर की नौकरी करने के साथ-साथ अनार के बाग की खेती करते हैं। इतना ही नहीं किसान रणधीर बाग की खेती से प्रतिवर्ष अब लाखों की कमाई कर रहे हैं।
उन्होंने लगभग 4 साल पहले अपने खेत में 6 एकड़ भूमि में अनार का बाग लगाया था। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अनार के पौधे तीसरे वर्ष फल देना शुरू कर देते हैं।
जिससे उन्हें अब अनार की खेती से ही प्रतिवर्ष 20 से 30 लाख रुपए आमदनी हो रही है। इतना ही नहीं अब उनके अनार के डिमांड विदेशों में भी होने लगी है। हरियाणा और राजस्थान प्रदेश से दूर-दूर से किस उनसे अनार की खेती के बारे में सलाह लेने भी पहुंच रहे हैं।