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Haryana News: हरियाणा सरकार ने बोर्ड-कॉर्पोरेशन क्लर्क और स्टेनो टाइपिस्ट की बढ़ाई सैलरी, जानिए अब कितना मिलेगा वेतन?

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Haryana News: हरियाणा सरकार ने बोर्ड-कॉर्पोरेशन क्लर्क और स्टेनो टाइपिस्ट की बढ़ाई सैलरी, जानिए अब कितना मिलेगा वेतन?

Haryana: हरियाणा सरकार ने बोर्ड और कॉर्पोरेशन में तैनात क्लर्क और स्टेनो को सैलरी में बड़ी राहत दी है। सरकार की तरफ से ऑर्डर जारी कर क्लर्क और स्टेनों के लिए 21,700 रुपए का पे-बैंड लागू किया गया है। इसे लेकर चीफ फायनेंसर एडवाइजर की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

प्रदेश सरकार ने पिछले साल आठ फरवरी और 15 मार्च को सरकारी विभागों के क्लर्कों और स्टेनो टाइपिस्ट के लिए संशोधित किए गए वेतनमान को बोर्ड-निगमों, सरकारी कंपनियों और सहकारी समितियों में भी लागू कर दिया है।

पे बैंड में 1800 रुपये की बढ़ोतरी

पे बैंड रैंक करने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है। इससे पहले क्लर्क-स्टेनो का पे-बैंड 19,900 रुपए था। अब इसमें 1800 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, बोर्ड और निगमों में ड्यूटी कर रहें क्लर्क और स्टेनो पे-बैंड 35,400 रुपए करने की मांग उठाते आ रहे हैं। 

इसको लेकर उन्होंने अपनी पेन डाउन स्ट्राइक भी की हैं। सैनी सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए यह इन्क्रीमेंट किया है। सरकार के आदेश के बाद इन कर्मचारियों को एफएलए (फंक्शन पे लेवल)- 2 की बजाय एफएलए-3 का लाभ मिलेगा।

सरकारी उपक्रमों को दिए गए निर्देश

दिए गए ऑर्डर के अनुसार राज्य के सभी सरकारी उपक्रमों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से मंजूरी लेकर क्लर्क और स्टेनो वर्ग के कर्मचारियों के लिए नया वेतन ढांचा लागू कर दें। 

हरियाणा सरकार के वित्त विभाग की ओर से 8 फरवरी और 15 मार्च 2024 को दो पत्र जारी किए है। इन पत्रों में सरकारी कर्मचारियों, विशेषकर क्लर्कों के नए वेतन ढांचे और उनके वेतन निर्धारण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है। इन पत्रों की कॉपी भी साथ में संलग्न की गई है।

हर पद के लिए अलग पे बैंड

पे-बैंड सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन का एक तय ढांचा है। इसमें न्यूनतम और अधिकतम वेतन सीमा निर्धारित होती है। हर पद के लिए अलग पे-बैंड फिक्स होता है। कर्मचारी की सेवा अवधि और ग्रेड के मुताबिक इस बैंड में वेतन बढ़ोतरी होती रहती है। 

कर्मचारियों के पक्ष में कोर्ट का फैसला

वहीं, दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत के तहत नगर परिषद, जींद के कर्मचारियों के पक्ष में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

अदालत ने नगर परिषद कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन देने का निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि वेतन में अंतर की राशि तीन महीने के भीतर संबंधित प्राधिकरण द्वारा कर्मचारियों को दी जाए।

यह मामला उन कर्मचारियों से जुड़ा है, जिन्हें शुरू में नगर परिषद, जींद द्वारा नियुक्त किया गया था और बाद में उन्हें राज्य सरकार के तहत प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। इन कर्मचारियों ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन दिया जाए।