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होली से पहले गेहूं का MSP बढ़ने से किसानों की चांदी, आम आदमी के लिए 2025 में इतनी महंगी हो जाएगी रोटी

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paddy

सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा (gift) दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि 1 मार्च 2025 से राज्य में गेहूं की खरीद ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से होगी। यह किसानों के लिए किसी बंपर दिवाली ऑफर (bumper Diwali offer) से कम नहीं है क्योंकि मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2425 प्रति क्विंटल पर सीधे ₹175 का बोनस जोड़ दिया गया है। इस निर्णय से राज्य के 81 लाख से अधिक गेहूं उत्पादक किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस फैसले का आम जनता और बाजार पर क्या असर पड़ेगा? क्या रोटी और पराठे की कीमतें भी अब आसमान छूने लगेंगी? आइए पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

गेहूं का MSP बढ़ने से किसानों को बड़ा फायदा

किसानों के लिए यह निर्णय किसी सौगात (gift) से कम नहीं है। महंगाई के इस दौर में जब खाद बीज और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं तब सरकार का यह फैसला किसानों के हित में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस बोनस से गेहूं की खेती करने वाले किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब (fair) दाम मिलेगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

सरकार ने यह फैसला इसलिए भी लिया है क्योंकि हर साल किसानों को सही कीमत नहीं मिलने के कारण वे नुकसान में रहते थे। अब इस टॉप-अप (top-up) बोनस से उनकी आमदनी बढ़ेगी और वे आने वाले सीजन में अधिक निवेश कर पाएंगे। इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आत्मनिर्भरता (self-reliance) भी बढ़ेगी।

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हुई आसान

अब सवाल यह है कि किसानों को इस बढ़ी हुई कीमत का लाभ कैसे मिलेगा? इसके लिए राज्य सरकार ने 20 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक पंजीकरण (registration) प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। किसान एमपी ई-उपार्जन (MP E-Uparjan) पोर्टल एमपी किसान ऐप (MP Kisan App) ग्राम पंचायत तहसील कार्यालय और सहकारी समितियों में जाकर फ्री में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

पंजीकरण के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज देने होंगे:

आधार कार्ड

भूमि के कागजात (land documents)

बैंक अकाउंट डिटेल्स

इसके अलावा इस बार सरकार ने 4000 से अधिक उपार्जन केंद्र (procurement centers) बनाए हैं जहां किसानों के लिए छाया पानी और बैठने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। किसानों को अपने स्लॉट (slot) की बुकिंग भी करनी होगी जिससे उन्हें सही समय पर फसल बेचने का मौका मिल सके।

क्या गेहूं के दाम बढ़ने से महंगी होगी रोटी?

अब सबसे अहम सवाल – क्या गेहूं के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का असर बाजार पर पड़ेगा? क्या अब आम आदमी को महंगे पराठे और रोटियां खानी पड़ेंगी?

फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है कि तुरंत आटे और गेहूं की कीमतें बढ़ेंगी। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:

सरकारी खरीद में कटौती: इस साल सरकार ने 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले साल यह लक्ष्य 100 लाख टन था। इसका मतलब है कि बाजार में पर्याप्त मात्रा में गेहूं की उपलब्धता बनी रहेगी।

खुला बाजार: यदि निजी व्यापारी भी बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदते हैं तो कीमतों में बढ़ोतरी संभव है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई ट्रेंड (trend) देखने को नहीं मिला है।

बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता: मध्य प्रदेश में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। यदि उत्पादन अच्छा रहता है तो कीमतें नियंत्रित रहेंगी।

हां अगर गेहूं की सप्लाई (supply) में कमी आती है तो इसका सीधा असर आम आदमी की थाली पर पड़ेगा। इसका मतलब यह होगा कि पराठे और ब्रेड (bread) की कीमतें बढ़ सकती हैं जिससे आम जनता पर महंगाई का असर पड़ेगा।

धान किसानों के लिए भी खुशखबरी

केवल गेहूं उत्पादकों के लिए ही नहीं बल्कि धान (paddy) की खेती करने वाले किसानों के लिए भी सरकार ने राहत भरी घोषणा की है। राज्य सरकार ने इस साल धान किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹2000 की सहायता राशि देने का फैसला किया है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।

इससे छोटे किसानों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि वे अक्सर बीज और खाद की कीमतों को लेकर परेशान रहते हैं। सरकार का यह कदम किसानों को और अधिक उत्पादन करने के लिए प्रेरित करेगा।