गेहूं के किसान मार्च में जरूर करें ये काम, वरना बम्पर पैदावार रह जाएगी सपना

मार्च का महीना शुरू हो चुका है और मौसम के मिजाज भी बदलने लगे हैं। अब अगर आप गेहूं के किसान (Wheat Farmers) हैं तो यह वक्त आपके लिए बेहद संवेदनशील है। क्योंकि ज़रा सी लापरवाही आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है वैसे-वैसे गेहूं की फसल पर इसका सीधा असर पड़ता है। खासकर जब टेम्परेचर (Temperature) 35 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है तो आपकी फसल बीमार हो सकती है और उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। तो भाई साहब चिंता छोड़िए और इन खास टिप्स को अपनाइए जिससे गेहूं की फसल भी खुश और आपकी जेब भी!
1. 35 डिग्री से ऊपर तापमान?
अगर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने लगे तो आपकी फसल के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है! इस टेंपरेचर में गेहूं की बढ़त रुक सकती है पत्तियों में जलन हो सकती है और बाली कमजोर हो सकती है। ऐसे में हल्की सिंचाई (Irrigation) करना बेहद ज़रूरी हो जाता है। ध्यान रखें कि पानी इतना दें कि बस नमी बनी रहे ज़्यादा पानी डाल दिया तो खेत में दलदल हो जाएगा और फसल को फायदा कम नुकसान ज़्यादा होगा।
2. दोपहर में हल्का पानी छिड़कें
मार्च में तापमान ज़्यादा बढ़ने लगे तो किसानों को दोपहर में हल्का पानी छिड़काव (Sprinkling) करने की सलाह दी जाती है। इससे फसल को ठंडक मिलती है और गर्मी का असर कम होता है। पर ध्यान दें पानी इतना न डालें कि खेत 'पानी-पानी' हो जाए वरना फायदा छोड़िए नुकसान उठाना पड़ेगा!
3. बिना देर किए करें ये उपाय
अगर चार दिन तक लगातार तापमान ज्यादा बना हुआ है तो किसान भाई-बहन खेत में हल्की सिंचाई कर दें। इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी और गेहूं की फसल झुलसने से बचेगी। लेकिन यह भी ध्यान दें कि सिंचाई करते समय खेत में ज्यादा पानी जमा न हो क्योंकि 'अति सर्वत्र वर्जते' यानी ज्यादा पानी भी नुकसानदायक हो सकता है!
4. मेढ़ काटने का जुगाड़
जब सिंचाई करें तो खेत की मेढ़ (Field Boundaries) काट दें ताकि पानी का सही ढंग से निकास हो सके। इससे खेत में पानी ज्यादा देर तक नहीं रुकेगा और फसल को नमी भी सही मात्रा में मिलेगी। समझ लीजिए यह काम वैसा ही है जैसे बारिश में छत पर जमा पानी निकालना जरूरी होता है!
5. फसल का हेल्थ चेकअप जरूरी
मार्च में तापमान के हिसाब से फसल की हेल्थ (Crop Health) पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। हर दिन गेहूं के पौधों की पत्तियों और तनों का निरीक्षण करें। अगर पत्तियों के किनारे जलने लगे या कहीं धब्बे दिखें तो तुरंत उपाय करें। यह गर्मी की मार का सीधा संकेत हो सकता है। भाई डॉक्टर की तरह फसल का रेगुलर चेकअप करेंगे तभी 'हेल्दी' पैदावार मिलेगी!
6. एनपीके 00:00:50 का स्प्रे
अगर आपको लग रहा है कि फसल की बाली कमजोर रह गई है तो चिंता न करें! एक गजब का जुगाड़ है – एनपीके 00:00:50 का स्प्रे (NPK Fertilizer Spray)। 1 किलो एनपीके 00:00:50 को 200 लीटर पानी में घोलकर एक एकड़ में छिड़काव करें। इसमें 50% पोटाश होता है जिससे दाने की क्वालिटी और वजन बढ़ता है। यानी गेहूं को मिलेगा जबरदस्त पोषण और पैदावार में होगा शानदार इजाफा!
7. ठंडी हवाओं को न्योता दें
अगर मौसम बहुत गर्म हो रहा है तो किसान भाई कुछ नेचुरल उपाय भी अपना सकते हैं। जैसे कि खेतों में नीम का तेल (Neem Oil) या अन्य प्राकृतिक तरीकों से स्प्रे करें। इससे न सिर्फ गर्मी से राहत मिलेगी बल्कि कीटों और बीमारियों से भी बचाव होगा।