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UPI Transaction Charges: डिजिटल पेमेंट कंपनियों का बड़ा फैसला, यूपीआई ट्रांजेक्शन पर लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज

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UPI Transaction Charges

यूपीआई (UPI) के ज़रिए पेमेंट करने वालों के लिए एक नई टेंशन खड़ी हो गई है। अब डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने के लिए आपको अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी. सरकार ने यूपीआई सेवा पर मर्चेंट्स (Merchants) को मिलने वाली सब्सिडी (Subsidy) में जबरदस्त कटौती कर दी है जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ सकता है. अब गूगल पे (Google Pay), फोनपे (PhonePe) और पेटीएम (Paytm) जैसी कंपनियां यूपीआई ट्रांजेक्शन पर अतिरिक्त चार्ज वसूलने की तैयारी में हैं.

गूगल पे, फोनपे और पेटीएम का नया धंधा

अब यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) करना महंगा सौदा साबित हो सकता है. गूगल पे ने अपने डेबिट कार्ड (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से किए जाने वाले यूपीआई ट्रांजेक्शन पर क्रमशः 0.5% और 1% तक का शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है.

वहीं, फोनपे और पेटीएम ने भी मोबाइल रिचार्ज (Mobile Recharge) जैसी सेवाओं पर सर्विस चार्ज (Service Charge) लागू कर दिया है. यानी अब डिजिटल पेमेंट का मज़ा किरकिरा हो सकता है।

सरकार ने घटाई सब्सिडी

पहले सरकार 2,000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर सब्सिडी देती थी, जिसकी वजह से कंपनियां ग्राहकों से कोई चार्ज नहीं लेती थीं. लेकिन अब सरकार ने इस सब्सिडी में भारी कटौती कर दी है.

कितनी घटी सब्सिडी?

अगर आंकड़ों की बात करें तो सरकार ने 2023 में यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए 2,600 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी. 2024 में यह घटकर 2,484 करोड़ रुपये रह गई. लेकिन 2025 के लिए यह सब्सिडी मात्र 477 करोड़ रुपये कर दी गई है. अब आप ही सोचिए, जो कंपनियां फ्री में सर्विस दे रही थीं वे अब अपने घाटे की भरपाई कहां से करेंगी? ज़ाहिर सी बात है कि यह बोझ ग्राहकों पर डाला जाएगा.

डिजिटल इंडिया की जान या जेब पर भार?

यूपीआई आज हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. एक औसत भारतीय अपने कुल लेन-देन का 60% से 80% यूपीआई के ज़रिए करता है. भारत में हर दिन करोड़ों यूपीआई ट्रांजेक्शन होते हैं, जिनके माध्यम से हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन किया जाता है.

लेकिन अब जब डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) महंगा हो रहा है, तो लोगों को पुराने कैश वाले दिन फिर याद आने लगे हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स कह रहे हैं कि भैया अब तो फिर से पर्स में कैश रखना पड़ेगा। वहीं कुछ लोग मज़ाकिया अंदाज़ में कह रहे हैं कि अब लगता है जेब में फिर से वो पुराने 10 और 20 रुपये के नोट रखने पड़ेंगे.

क्या अब UPI छोड़कर कैश की तरफ लौटेंगे लोग?

अब सवाल यह है कि अगर यूपीआई पर ज्यादा चार्ज लगेगा, तो क्या लोग वापस कैश ट्रांजेक्शन (Cash Transaction) की ओर लौटेंगे? विशेषज्ञों का मानना है कि आम जनता छोटी ट्रांजेक्शन के लिए अब कैश का इस्तेमाल बढ़ा सकती है. लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping), बिल पेमेंट (Bill Payment) और बड़े ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई अभी भी पहली पसंद बना रहेगा.

कौन-कौन से चार्ज लगाए जा सकते हैं?

अगर कंपनियों के मौजूदा और संभावित चार्ज की बात करें तो इनमें शामिल हो सकते हैं:

डेबिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट: 0.5% चार्ज
क्रेडिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट: 1% चार्ज
मोबाइल रिचार्ज पर एक्स्ट्रा चार्ज: 1-2 रुपये अतिरिक्त
ऑनलाइन बिल पेमेंट पर चार्ज: संभावित