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पलवल से यूपी के इस जिले तक जाएगा यह एक्सप्रेसवे, इन गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, जानें

उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच संपर्क को और मजबूत करने के लिए अलीगढ़-पलवल हाइवे का निर्माण किया जा रहा है। यह 69 किलोमीटर लंबा हाइवे अलीगढ़ से पलवल तक जाएगा, और इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन, और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से प्रभावित होने वाले 21 गांवों को लगभग 600 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
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पलवल से यूपी के इस जिले तक जाएगा यह एक्सप्रेसवे, इन गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, जानें

Exspressway :  उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच संपर्क को और मजबूत करने के लिए अलीगढ़-पलवल हाइवे का निर्माण किया जा रहा है। यह 69 किलोमीटर लंबा हाइवे अलीगढ़ से पलवल तक जाएगा, और इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन, और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से प्रभावित होने वाले 21 गांवों को लगभग 600 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

अलीगढ़-पलवल हाइवे की विशेषताएं

यह नया हाइवे दोनों राज्यों के बीच यात्रा को तेज़ और सुविधाजनक बनाएगा। अब, अलीगढ़ और पलवल के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा, जिससे लोगों को यात्रा में आसानी होगी। यह हाइवे ना केवल यात्री यातायात के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि व्यापार और परिवहन के लिए भी एक प्रमुख कड़ी साबित होगा।

मुआवजा और प्रभावित गांव

इस हाइवे के निर्माण के कारण 21 गांवों के लोग प्रभावित होंगे, और इन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा। कुल मिलाकर लगभग 600 करोड़ रुपये का मुआवजा इन गांवों के लिए तय किया गया है। यह मुआवजा उन लोगों को दिया जाएगा जिनकी ज़मीन या संपत्ति इस परियोजना से प्रभावित होगी।

प्रभावित गांवों की सूची

अर्राना
उदयगढ़ी
बांकनेर
गनेशपुर
नगला अस्सू
उसरह रसूलपुर
बुलाकीपुर
चौधाना
जरारा
ऐंचना
लक्ष्मणगढ़ी
राजपुर
रेसरी
जलालपुर
हीरपुरा
खेड़िया बुजुर्ग
इतवारपुर
डोरपुरी
श्यौराल
हामिदपुर
रसूलपुर

इस परियोजना का क्षेत्रीय विकास पर प्रभाव

अलीगढ़-पलवल हाइवे का निर्माण क्षेत्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना से व्यापार और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा, और यह पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूत करेगा।

हाइवे का क्षेत्रीय लाभ

इस हाइवे की योजना और निर्माण से यह स्पष्ट है कि यह परियोजना केवल यातायात सुधार तक सीमित नहीं रहेगी। इसके परिणामस्वरूप, पूरे क्षेत्र का विकास होगा और लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा। इसके अलावा, इससे दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक संबंध भी मजबूत होंगे।