इन गाड़ियों को अब नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, इस राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला

दिल्ली वालों अगर आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी है तो अब पेट्रोल पंप दर्शन करने का टाइम आ गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने एक बड़ा फैसला लिया है 1 अप्रैल से 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। (ban on fuel for 15-year-old vehicles). जी हां अगर आपकी कार उम्रदराज हो चुकी है तो अब उसे रिटायरमेंट देने का वक्त आ गया है.
गैजेट्स बताएंगे बूढ़ी गाड़ियों का सच
अब आप सोच रहे होंगे कि पेट्रोल पंप वाले कैसे पहचानेंगे कि कौन-सी गाड़ी जवान है और कौन-सी बुजुर्ग? तो जनाब, सरकार ने इसके लिए हाई-टेक गैजेट्स (gadgets to detect old vehicles) का इंतजाम किया है. ये स्पेशल डिवाइसेज़ हर पेट्रोल पंप पर लगाए जाएंगे और आपकी गाड़ी का बायोडाटा स्कैन करके बता देंगे कि इसे फ्यूल मिल सकता है या नहीं. यानी अब चाचा की 20 साल पुरानी Ambassador गाड़ी को फ्यूल भरवाने ले जाना मुश्किल हो सकता है।
दिल्ली को मिलेगी स्वच्छ हवा
दिल्ली सरकार सिर्फ गाड़ियों पर ब्रेक नहीं लगा रही बल्कि हरियाली बढ़ाने पर भी फोकस कर रही है. मंजिंदर सिंह सिरसा ने ऐलान किया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के स्टूडेंट्स भी इस ग्रीन मिशन का हिस्सा होंगे (DU students in afforestation). यानी अब सिर्फ क्लासरूम की पढ़ाई नहीं, बल्कि असली ग्रोथ पेड़-पौधों के जरिए भी होगी।
सोचिए, कॉलेज के कैंपस में सिर्फ मस्ती नहीं होगी, बल्कि छात्र-छात्राएं गर्मियों की छुट्टियों में पेड़ लगाने की इंटर्नशिप (summer internship in tree plantation) भी कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत स्टूडेंट्स को पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जाएगी.
एंटी स्मॉग गन का तड़का
दिल्ली के होटल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स और ऊंची इमारतों में अब एंटी स्मॉग गन्स (mandatory anti-smog guns) लगाई जाएंगी. मतलब, अगर आपको लगे कि धुआं-धुआं हो रहा है, तो बस एक बटन दबाइए और स्मॉग हटाओ मिशन चालू।
सरकार का कहना है कि इस फैसले से दिल्ली में स्मॉग का कहर कम होगा और सर्दियों में धुंध की बजाय धूप देखने को मिलेगी. चलिए, अब इंस्टाग्राम पर स्मॉग सेल्फी की जगह सनराइज पिक्स डालने का मौका मिलेगा।
बंजर जमीन पर नए जंगल
सिर्फ गाड़ियों पर बैन और पेड़ लगाने से काम नहीं चलेगा, इसलिए दिल्ली सरकार अब बंजर जमीनों को हरा-भरा जंगल (creation of new forests) बनाने की योजना पर काम कर रही है. यानी, अब दिल्ली में Concrete Jungle की जगह Real Jungle मिलेगा।
इस कदम से दिल्ली का Carbon Footprint (carbon footprint reduction) कम होगा और प्रदूषण को काबू में लाने में मदद मिलेगी. आने वाले दिनों में दिल्ली के कोनों में नए जंगल उगते हुए देखना किसी साइंस फिक्शन मूवी जैसा लगेगा।