NCR से बाहर हुए हरियाणा के ये दो जिले, मुख्यमंत्री ने दी बड़ी खुशखबरी

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की लंबे समय से चली आ रही मांग को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। अब हरियाणा के भिवानी और चरखी दादरी जिले नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) से बाहर कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने खुद इस फैसले की जानकारी दी और बताया कि इससे इन जिलों में औद्योगिक (industrial) विकास की रफ्तार तेज होगी और लोगों को नए रोजगार (employment) के अवसर मिलेंगे।
हरियाणा को NCR से बाहर करने की मांग क्यों उठी?
सीएम खट्टर काफी समय से इस बात पर ज़ोर दे रहे थे कि दिल्ली के अत्यधिक शहरीकरण (urbanization) का असर हरियाणा के कई जिलों पर पड़ रहा है। NCR क्षेत्र में आने वाले जिलों को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है, जिससे वहां नए उद्योग (new industries) लगाने में दिक्कतें आती हैं। इसी वजह से मुख्यमंत्री ने एनसीआर योजना बोर्ड (NCR Planning Board) को पत्र लिखकर कुछ जिलों को NCR से बाहर करने की मांग की थी, जो अब पूरी हो चुकी है।
भिवानी और चरखी दादरी को NCR से बाहर करने के फायदे
मुख्यमंत्री ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इससे भिवानी और चरखी दादरी में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (industrial development) को नई दिशा मिलेगी। NCR के दायरे में रहने से इन जिलों में पर्यावरण नियमों (environmental regulations) और अन्य प्रतिबंधों की वजह से कंपनियों का आना मुश्किल हो रहा था। लेकिन अब जब ये जिले NCR से बाहर हो गए हैं, तो यहां नए उद्योग-धंधे (businesses) स्थापित करने में आसानी होगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोज़गार मिलेगा।
इसके अलावा, NCR क्षेत्र में शामिल होने से ज़मीन अधिग्रहण (land acquisition) और निर्माण (construction) पर कड़े नियम लागू हो जाते हैं। अब इन दोनों जिलों को इन सख्त नियमों से छुटकारा मिलेगा, जिससे रियल एस्टेट (real estate) सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।
NCR का विस्तार क्यों हुआ था?
जब नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) की अवधारणा आई थी, तब इसका मुख्य उद्देश्य था दिल्ली के शहरीकरण का बोझ (urban burden) कम करना। इसके तहत दिल्ली से सटे हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों को NCR में शामिल किया गया, ताकि वहां संयुक्त विकास (integrated development) किया जा सके। लेकिन समय के साथ यह क्षेत्र इतना फैल गया कि इसकी सीमाएं हरियाणा और राजस्थान के दूर-दराज़ के जिलों तक पहुंच गईं।
हरियाणा के 22 में से 14 जिले NCR का हिस्सा थे जिनमें शामिल थे –
गुड़गांव (Gurugram)
फरीदाबाद (Faridabad)
सोनीपत (Sonipat)
पानीपत (Panipat)
रोहतक (Rohtak)
झज्जर (Jhajjar)
रेवाड़ी (Rewari)
नूंह (Nuh)
पलवल (Palwal)
महेंद्रगढ़ (Mahendragarh)
करनाल (Karnal)
जींद (Jind)
भिवानी (Bhiwani)
चरखी दादरी (Charkhi Dadri)
अब इस लिस्ट से भिवानी और चरखी दादरी को हटा दिया गया है जिससे हरियाणा के सिर्फ 12 जिले ही NCR में रहेंगे।