हरियाणा में गोशाला के लिए सैनी सरकार ने उठाया ऐतिहासिक कदम, 500 करोड़ के बजट से मदद करेगी सरकार
सरकार ने तीसरा मिशन मोड शुरू किया है, जिसके तहत बेसहारा गाय माताओं को गौशालाओं में ले जाया जाएगा। सैनी ने कहा, "चाहे वह नंदी हो, गाय हो या छोटा बछड़ा या बछड़ा, सभी को टैग किया जाएगा। यह सब ऑनलाइन रिकॉर्ड किया जाएगा। ताकि यह पता चल सके कि राज्य में कितने गौशालाएँ हैं और सड़कों पर कितने हैं। सीएम सैनी ने कहा कि वह रोजाना इसकी रिपोर्ट की जांच करेंगे।
Haryana News: पंचकूला में आज 7 जनवरी को सीएम सैनी ने राज्य पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा आयोजित 'गौ सेवा सम्मान' समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम में सीएम सैनी ने 'भारत माता की जय' और 'गौ माता की जय' के नारों से अपने भाषण की शुरुआत की। इस अवसर पर सीएम सैनी ने कहा कि आज के कार्यक्रम में गौ-भक्त भी शामिल हुए हैं। जिन्होंने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम में सीएम सैनी ने गौशालाओं और बेसहारा जानवरों के लिए सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में बताया है। गायों को टैग किया जाएगाः सीएम सैनीकार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए सीएम सैनी ने कहा कि हमारे पास ऐसे गाय भक्त हैं जिनके कारण आज गौशाला आत्मनिर्भर हो गई है। सरकार को ऐसे लोगों का सम्मान करना चाहिए।
सरकार ने तीसरा मिशन मोड शुरू किया है, जिसके तहत बेसहारा गाय माताओं को गौशालाओं में ले जाया जाएगा। सैनी ने कहा, "चाहे वह नंदी हो, गाय हो या छोटा बछड़ा या बछड़ा, सभी को टैग किया जाएगा। यह सब ऑनलाइन रिकॉर्ड किया जाएगा। ताकि यह पता चल सके कि राज्य में कितने गौशालाएँ हैं और सड़कों पर कितने हैं। सीएम सैनी ने कहा कि वह रोजाना इसकी रिपोर्ट की जांच करेंगे।
श्री कृष्ण गाय माँ से भी प्यार करते थे-सीएम सैनी सी. एम. सैनी ने कहा कि जब फसल की कटाई की जाती है, तो किसान अपनी श्रद्धा के साथ भूसे या पराली की दो से तीन ट्रॉली गौशाला में ले जाता है। हमारे कृष्ण भी गाय माँ के प्रति बहुत स्नेही थे। श्री कृष्ण स्वयं उन्हें जंगलों में खिलाते थे।
सरकार मवेशियों के लिए भी बेहतर व्यवस्था करेगी।पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, गौ सेवा आयोग के लिए 2014 और 2015 का बजट केवल 2 करोड़ रुपये था। लेकिन राज्य सरकार ने 10 साल में 500 करोड़ रुपये का बजट बनाया है।
आज हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में चारा के लिए गौशालाओं को 270 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं।हमारी सरकार ने विभिन्न गौशालाओं में 350 शेड बनाए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 2014 से पहले 215 गौशालाएं पंजीकृत थीं। लेकिन आज राज्य में 683 गौशालाएँ पंजीकृत हैं। आज यहां साढ़े चार हजार मवेशी सुरक्षित हैं। इसके अलावा सरकार ने 608 गौशालाओं को 66 करोड़ रुपये जारी किए हैं।