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सैनी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को दिया खास तोहफा, हो गई यह बड़ी घोषणा, जानें

हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। यह निर्णय कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा वित्तीय सहारा साबित होगा।
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सैनी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को दिया खास तोहफा, हो गई यह बड़ी घोषणा, जानें

Haryana: हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। यह निर्णय कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा वित्तीय सहारा साबित होगा।

यह फैसला 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होगा और इसके अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के वित्तीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सेवानिवृत्ति या मृत्यु के समय उनके परिवारों को राहत देगा। ग्रेच्युटी एक प्रकार की परिभाषित लाभ योजना है, जो किसी कर्मचारी को उसकी सेवा अवधि के अंत में दी जाती है। यह भुगतान कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति, त्यागपत्र, या मृत्यु के समय वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए होता है।

सभी सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों को अब मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी के तहत 25 लाख रुपये तक का भुगतान मिलेगा। इससे पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी। यह वृद्धि कर्मचारियों के परिवारों को अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के परिवारों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।

यह योजना ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत लागू होती है। यदि कोई कर्मचारी किसी संगठन में 5 साल या उससे अधिक समय तक लगातार सेवा करता है, तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है। यह योजना कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करती है, ताकि सेवानिवृत्ति या मृत्यु के समय उनके परिवारों को आर्थिक सहायता मिल सके।