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हरियाणा के इस जिले वालों की हुई मौज! मिला एलिवेटेड कॉरिडोर का तोहफा

गुरुग्राम, जिसे साईबर सिटी के नाम से जाना जाता है, में ट्रैफिक की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस समस्या को सुलझाने के लिए गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने शहर के प्रमुख इलाकों में ट्रैफिक संचालन को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना बनाई है। इसके तहत, वाटिका चौक से दिल्ली-जयपुर हाईवे तक 6 लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
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हरियाणा के इस जिले वालों की हुई मौज! मिला एलिवेटेड कॉरिडोर का तोहफा

Gurugram: गुरुग्राम, जिसे साईबर सिटी के नाम से जाना जाता है, में ट्रैफिक की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस समस्या को सुलझाने के लिए गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने शहर के प्रमुख इलाकों में ट्रैफिक संचालन को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना बनाई है। इसके तहत, वाटिका चौक से दिल्ली-जयपुर हाईवे तक 6 लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।

एलिवेटेड कॉरिडोर की योजना

वर्तमान में, इस मार्ग पर चार स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल होते हैं, जो ट्रैफिक दबाव को बढ़ाते हैं और अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न करते हैं। इसलिए इस एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण ट्रैफिक की भीड़ को कम करने के साथ-साथ यातायात को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करना और यात्रा को तेज़ बनाना है।

कनेक्टिविटी को मिलेगी तगड़ी स्पीड 

एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण से वाटिका चौक पर एक इंटरचेंज भी बनेगा, जिससे गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड हाईवे, दिल्ली-जयपुर हाईवे, और द्वारका एक्सप्रेसवे से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह कनेक्टिविटी विशेष रूप से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक पहुंचने में सहायक होगी।

वर्तमान में, इस मार्ग पर यातायात की समस्या बढ़ रही है क्योंकि इस इलाके में चार जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल होते हैं। इन सिग्नल्स की वजह से अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। एलिवेटेड कॉरिडोर के बनने से यह समस्या हल हो सकती है, और लोग बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेंगे।

परियोजना की लागत और समयसीमा

इस परियोजना की कुल लागत लगभग 750 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा, 9.65 करोड़ रुपये की लागत से सदर्न पेरिफेरल रोड का सुधार भी किया जाएगा, जो ट्रैफिक की स्थिति में सुधार लाने में मदद करेगा। GMDA ने इस परियोजना के लिए DPR तैयार करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया है, और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह परियोजना 2 साल में पूरी होने की संभावना है।