सरकारी कर्मचारियों के लिए नया फैसला, हरियाणा सरकार ने अनिवार्य रिटायरमेंट की नई नीति बनाई, जानें
Haryana Karmchari: हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी विभागों में काम में लापरवाही और ढुलमुल रवैया रखने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है। अब 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यकुशलता की समीक्षा की जाएगी, और अगर उनकी प्रदर्शन रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होगी तो उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट का सामना करना पड़ सकता है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य विभागों में दक्षता बढ़ाना और सरकारी सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
सरकारी विभागों में कमेटियां गठित की जाएंगी
हरियाणा के सरकारी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए विशेष कमेटियां गठित की जाएंगी। इन कमेटियों का कार्य कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करना और उनकी कार्य क्षमता को मापना होगा। इसके अलावा, बोर्ड और निगमों में भी समीक्षा कमेटियों का गठन किया जाएगा।
समीक्षा की प्रक्रिया
सरकारी विभागों में विशेष समीक्षा कमेटियों का गठन किया जाएगा, जो 50 साल से ज्यादा उम्र वाले कर्मचारियों के मामलों की समीक्षा करेगी। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जाएगा, उन्हें एक अपीलेट कमेटी के पास अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में कम से कम सात बार 'अच्छा' या 'बहुत अच्छा' ग्रेड होना आवश्यक होगा। यदि ऐसा नहीं होता है, तो उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जाएगा।
50 साल से ज्यादा उम्र वाले कर्मचारियों पर असर
मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने निर्देश दिया है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों की कार्यकुशलता की समीक्षा की जाए। यदि इन कर्मचारियों की ACR में सात बार 'अच्छा' या 'बहुत अच्छा' का ग्रेड नहीं मिलता है, तो इन्हें जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य सरकार के कार्यकलापों में सुधार लाना और कार्यों की गति को तेज करना है।
नई लिटिगेशन पॉलिसी
इस योजना के तहत एक नई लिटिगेशन पॉलिसी भी तैयार की जाएगी। यह पॉलिसी कर्मचारियों से जुड़ी कानूनी कार्यवाहियों में कमी लाएगी, जिससे विभागों में कामकाजी सुधार और तेजी लाने की संभावना है।