हवा से भी तेज दौड़ने वाला तहसीलदार सस्पेंड, 4 मिनट में तय की 45km की दूरी, 28 फरवरी को होना था रिटायर

2 हफ्ते पहले लुधियाना के पूर्वी तहसील के दफ्तर में बैठकर जगरांव की 6 विवादित रजिस्ट्रियां करने वाले तहसीलदार रणजीत सिंह की स्पीड देखकर पंजाब सरकार भी हैरान है और यही स्पीड उनके सस्पेंड होने के कारण भी बन गई है।
पंजाब सरकार के फाइनेंस विभाग के उच्च अधिकारी अनुराग वर्मा की और से जांच में साफ हो गया है कि तहसीलदार रणजीत सिंह ने अपने पद का गलत उपयोग किया, जिसके बाद तुरंत प्रभाव से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
तहसीलदार रणजीत सिंह को अब जगरांव व लुधियाना पूर्वी दफ्तर से बदलकर धारकलां पठानकोट भेजा गया। वहां वे रोजाना SDM दफ्तर में अपनी हाजिरी लगवाएंगे और रोजाना डीसी पठानकोट को उन्हें अपनी हाजिरी रिपोर्ट भी भेजनी होगी।
4 मिनट में तय की 45 किलोमीटर की दूरी
जानकारी के मुताबिक 17 जनवरी को तहसीलदार रणजीत सिंह की ओर से जगरांव में 6 रजिस्ट्रियां दर्ज करवाई गई थीं। उन रजिस्ट्रियों में उन्होंने उपभोक्ता के साथ तस्वीरें 5.05 मिनट से लेकर 5.12 मिनट तक 7 मिनट के भीतर करवाई।
वहीं लुधियाना पूर्वी दफ्तर में एक रजिस्ट्री तहसीलदार रणजीत सिंह की और से 5.16 मिनट में की गई। यानी तहसीलदार लुधियाना के पूर्वी दफ्तर से जगरांव तहसील दफ्तर की कुल 45 किलमोटीर की दूरी मात्र 4 मिनट में ही तय कर गए।
ऐसे में वह पहले ऐसे तहसीलदार बने, जिनकी स्पीड 500 किलोमीट प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली दुनिया की सबसे तेज कार कोएिनिगसेग जेस्को एब्साल्यूट व 300 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली भारत की लेम्बोर्गिनी एवेंटाडोर एलपी अल्टीमा कार से भी ज्यादा है।
लालच के चलते किया गया ससपेंड
सरकार की और से भी जारी किए गए उनके सस्पेंशन ऑर्डर में इस बात का बकायदा जिक्र किया गया है। सस्पेंशन ऑर्डर में साफ लिखा है कि लालच के चलते ही उन्होंने ऐसा काम किया है जिसके चलते उन्हें सस्पेंशन मिली है।
28 फरवरी को होना था रिटायर
जानकारी के अनुसार तहसीलदार रणजीत सिंह को इसी महीने 28 फरवरी को रिटायर किया जाना था। पंजाब सरकार की ओर से शुक्रवार देर रात जारी किए उनके सस्पेंशन ऑर्डर के साथ ही उनकी कई शिकायतों की जांच भी विजिलेंस विभाग करेगा।
अगर वो दोषी पाए जाते हैं, तो संभव है कि तहसीलदार की मुसीबतें और बढ़ जाएं। हालांकि रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारी को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं फिलहाल तहसीलदार रणजीत सिंह को उस समय तक नहीं मिलेंगी, जब तक उन पर चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती।
आरसी की विजिलेंस जांच शुरू
तहसीलदार रणजीत सिंह की सस्पेंशन के साथ ही सरकार की और से उनके आरसी मनप्रीत सिंह के कथित कारनामों की भी जांच शुरू कर दी गई है। विजिलेंस की एक स्पेशल टीम की और से आरसी के संबध में सारा रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है।
जो 6 रजिस्ट्रियां तहसीलदार रणजीत सिंह ने की थी, वो आरसी मनप्रीत सिंह की और से ही चेक की गई थी। उसपर मुहर और हस्ताक्षर करने वाले आरसी अब पूरी तरह से शिकंजे में फंस चुके हैं। वहीं 6 रजिस्ट्रियां लिखने वाला डीड राइटर भी जल्द ही इस केस के दायरे में होगा।
क्या बोले तहसीलदार रणजीत सिंह?
तहसीलदार रणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने लुधियाना में बैठकर जो रजिस्ट्रियां की हैं, उसके बदले लाखों की राशि नहीं ली। यदि इन रजिस्ट्रियों में कोई लेन देन हुआ है, तो इसके बारे में मनप्रीत सिंह ही बता सकता है। क्योंकि रजिस्ट्रियां उसी ने चेक की थी और बकायदा उन पर मोहर उसी ने लगाई थी।