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चैंपियंस ट्रॉफी जीतते ही पैसों की बरसात, मालामाल हुई टीम इंडिया, जानिए किसे मिले कितने रुपये

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Champions Trophy

नई दिल्ली:- क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह गर्व का क्षण है! टीम इंडिया ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि वह बड़े टूर्नामेंट्स की बादशाह (Champion) है। साल 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) में भारत ने न्यूजीलैंड को धूल चटाकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया और इसी के साथ करोड़ों रुपये की ईनाम राशि भी बटोरी। क्रिकेट का यह महासंग्राम केवल ट्रॉफी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें जीतने वाली टीमों पर पैसों की बारिश (Cash Rain) भी हुई।

भारत को मिले 20 करोड़ रुपये की इनामी राशि

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) को इस ऐतिहासिक जीत के साथ आईसीसी (ICC) से 2.24 मिलियन डॉलर यानी करीब 20 करोड़ रुपये की इनामी राशि मिली। यह रकम जीत का सिर्फ एक हिस्सा है क्योंकि फाइनल में हारने वाली न्यूजीलैंड की टीम को भी 11.20 लाख डॉलर यानी करीब 9.72 करोड़ रुपये मिले। यह टूर्नामेंट जितना बड़ा था, उतनी ही बड़ी इसकी पुरस्कार राशि भी थी।

सेमीफाइनल से लेकर ग्रुप स्टेज तक पैसों की बरसात

क्रिकेट का यह टूर्नामेंट केवल फाइनल तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को भी मोटी रकम मिली। ऑस्ट्रेलिया (Australia) और साउथ अफ्रीका (South Africa) को सेमीफाइनल तक पहुंचने के लिए 560,000 डॉलर (करीब 4.86 करोड़ रुपये) की राशि दी गई।

इतना ही नहीं, टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी आठ टीमों को 1.25 लाख डॉलर (1.08 करोड़ रुपये) मिले, जिससे साफ जाहिर होता है कि यह चैंपियंस ट्रॉफी अब तक की सबसे महंगी (Expensive) ट्रॉफी रही।

2017 से 2025: 53 गुना बढ़ गई प्राइज मनी

इस बार की चैंपियंस ट्रॉफी की इनामी राशि 2017 के मुकाबले 53 गुना ज्यादा थी, जिससे यह साफ हो गया कि क्रिकेट अब सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि करोड़ों की इंडस्ट्री (Industry) बन चुका है।

आईसीसी ने इस टूर्नामेंट के लिए कुल 60 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि घोषित की थी, जिसमें हर स्टेज पर टीमों को तगड़ा इनाम दिया गया। ग्रुप राउंड में जीतने वाली टीमों को भी ईनाम मिला। उन्हें 34,000 डॉलर यानी 30 लाख रुपये की रकम दी गई।

पांचवें और आठवें स्थान की टीमों को भी मिला बड़ा इनाम

टूर्नामेंट में पांचवें और छठे स्थान पर रहने वाली टीमों के लिए भी अच्छी खासी रकम रखी गई थी। उन्हें 3.50 लाख डॉलर (करीब 3 करोड़ रुपये) मिले जबकि सातवें और आठवें स्थान पर रहने वाली टीमों को 1.40 लाख डॉलर (करीब 1.2 करोड़ रुपये) मिले।