सिरसा के छठी पास किसान ने कर दिखाया कमाल, स्ट्रॉबेरी की खेती से सालाना कमाता है 15 लाख रुपये

खेती-बाड़ी का नाम सुनते ही खेतों में पसीना बहाते किसान और परंपरागत फसलें याद आती हैं लेकिन हरियाणा के सिरसा जिले के गाँव नाथूसरी कलां के ईश्वर सिंह बच्छसरा ने कुछ अलग करने की ठानी।
वो कहते हैं न समय के साथ चलो वरना दुनिया पीछे छोड़ देगी! बस इसी सोच के साथ उन्होंने खेती में नया एक्सपेरिमेंट (experiment) किया और अब सालाना 15 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं।
पारंपरिक खेती छोड़कर नया दांव
कहते हैं कि खेत वही मेहनत वही लेकिन दिमाग बदल जाए तो तक़दीर भी बदल जाती है। पहले ईश्वर सिंह भी गेहूं सरसों और कपास जैसी पारंपरिक फसलें उगाते थे लेकिन कमाई के नाम पर सिर्फ टेंशन ही हाथ लगती थी। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न नई पद्धति और आधुनिक टेक्नोलॉजी (modern technology) का सहारा लिया जाए।
फ्रेश स्ट्रॉबेरी और मौसमी सब्जियों का फार्मूला
ईश्वर सिंह ने अपने खेतों में पारंपरिक फसलों की जगह स्ट्रॉबेरी टमाटर तरबूज तोरी और फूलों की जैविक खेती (organic farming) शुरू की। उनकी खासियत यह है कि वह रासायनिक खादों का कम से कम इस्तेमाल करते हैं और गोबर की खाद व जैव-उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। उनका कहना है कि क्लाइंट हेल्थ इज फर्स्ट (Client health is first) और जैविक सब्जियां महंगी भी बिकती हैं।
छठी पास किसान की स्मार्टनेस से 5 लाख से 15 लाख तक का सफर
ईश्वर सिंह की पढ़ाई सिर्फ छठी कक्षा तक हुई है लेकिन उनके दिमाग में बिजनेस का सुपर कंप्यूटर (supercomputer) दौड़ता है। पहले साल में उन्होंने 5 लाख रुपये की कमाई की लेकिन कुछ ही सालों में उनका टर्नओवर (turnover) 15 लाख रुपये तक पहुंच गया।
उन्होंने खेती में ड्रिप इरिगेशन मल्चिंग ग्रीनहाउस और उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जिससे लागत घटी और प्रोडक्टिविटी बढ़ी। अब उनका फार्म लोकल के साथ-साथ बड़े शहरों में भी डिमांड में है।
गाँव के और किसान भी हो रहे हैं इंस्पायर
ईश्वर सिंह की कामयाबी को देखकर गाँव के दो अन्य किसानों ने भी उनके नक्शे-कदम पर चलना शुरू कर दिया है। उन्होंने भी सब्जी की खेती (vegetable farming) शुरू की और अब वे भी अच्छा खासा कमा रहे हैं।
इससे गाँव में रोजगार के नए अवसर (employment opportunities) भी बने हैं। अब तो लोग मजाक में कहते हैं कि नाथूसरी कलां का नाम अब सिर्फ खेती के लिए ही नहीं बल्क़ि स्मार्ट फार्मिंग के लिए भी जाना जाएगा!