दिल्ली की कच्ची कालोनियों के लिए राहत, एलजी ने पीएम-उदय शिविरों की समयसीमा बढ़ाई
Pradhan Mantri-Uday Yojana: दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाले नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण और राहत देने वाली खबर सामने आई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को प्रधानमंत्री-उदय योजना के तहत सिंगल- विंडो विशेष शिविरों को मार्च 2025 तक बढ़ाने का निर्देश जारी किया है। इस पहल से लाखों नागरिकों को उनके संपत्ति संबंधी मुद्दों को हल करने में सहायता मिलेगी और कच्ची कालोनियों में स्वामित्व अधिकार की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री-उदय योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री-उदय योजना (PM-UDAY) का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले नागरिकों को स्वामित्व अधिकार प्रदान करना है। इसके तहत कच्ची कालोनियों में संपत्ति के स्वामित्व अधिकारों को वैध बनाने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है। इससे नागरिकों को उनके संपत्तियों के अधिकार प्राप्त करने में आसानी होती है और वे कानूनी प्रक्रिया में उलझे बिना अपने घरों का स्वामित्व प्राप्त कर सकते हैं।
विशेष शिविरों का विस्तार
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने 30 नवंबर से 29 दिसंबर तक दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में साप्ताहिक शिविरों का आयोजन किया। इस शिविर में अब तक लगभग 20,000 लोग शामिल हो चुके हैं। 1 सप्ताह के भीतर, कुल 19,313 आवेदकों ने शिविर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें से 3,599 नए आवेदक थे। इन शिविरों का आयोजन प्रत्येक सप्ताहांत दिल्ली के 10 केंद्रों पर किया गया, जिससे कच्ची कालोनियों में रहने वाले लोगों को लाभ मिला।
लाभ और परिणाम
1,152 हस्तांतरण डीड/प्राधिकार पर्चियां जारी की गईं. इससे संपत्ति धारकों को उनका कानूनी अधिकार और स्वामित्व प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। 283 संपत्तियों को उप-पंजीयकों द्वारा पंजीकृत किया गया जिससे संपत्ति धारकों को अंतिम स्वामित्व अधिकार मिल सके। यहां तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने योजना के सफल क्रियान्वयन में कुछ बाधाओं को चिह्नित किया था, जिनमें लालफीताशाही और अधिकारीयों के बीच कागजी कार्यवाही की समस्याओं का जिक्र किया गया। हालांकि, DDA और अन्य संबंधित विभागों ने इन समस्याओं को सुलझाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
आगामी कदम और योजना की समीक्षा
एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से विशेष शिविरों की प्रक्रिया को और अधिक सरल और नागरिकों के दरवाजे तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। पिछली समीक्षा बैठक में, उन्होंने DDA को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए और कागजी कार्यवाही में कोई भी बाधा न आए।