मिलेगी ट्रेफिक जाम से राहत, बल्लभगढ़ से यहाँ तक रेलवे ओवरब्रिज को किया जाएगा फोरलेन
Haryana: बल्लभगढ़ से एनआईटी को जोड़ने वाले रेलवे ओवरब्रिज को अब टू-लेन से फोरलेन में बदलने का रास्ता साफ हो चुका है। इस परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि की रुकावटों को दूर कर लिया गया है, और जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
सोहना रेलवे ओवरब्रिज की ट्रैफिक समस्या
वर्तमान में बल्लभगढ़ और एनआईटी के बीच जाने वाले यात्रियों को सोहना रेलवे ओवरब्रिज से होकर जाना पड़ता है, जहां भारी ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है। यहां वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि 5 मिनट का सफर पूरा करने में यात्रियों को आधे घंटे से भी अधिक समय लग जाता है।
इस जाम से बचने के लिए लोग नीलम-अजरौंदा और बाटा रेलवे ओवरब्रिज का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे वहां भी ट्रैफिक दबाव बढ़ जाता है। इस समस्या को लेकर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोहना रेलवे ओवरब्रिज को टू-लेन से फोरलेन बनाने की घोषणा की थी, लेकिन यह परियोजना काफी समय तक ठंडे बस्ते में चली गई थी।
परियोजना के लिए भूमि की अड़चनें दूर
इस परियोजना में देरी का कारण HSRBDC (हरियाणा राज्य सड़क एवं पुल निर्माण निगम) द्वारा भूमि की कमी था। खासतौर पर कुछ औद्योगिक कंपनियों के नाम पर भूमि थी, जिसके कारण जमीन के अधिग्रहण में अड़चनें आ रही थीं।
हालांकि, अब HSRBDC ने इन औद्योगिक कंपनियों से जमीन खरीदकर सहमति बना ली है। इसके बाद, एसडीएम के साथ बैठक कर अतिक्रमण हटवाने और भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की गई है। उम्मीद की जा रही है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक भूमि की रजिस्ट्री कर दी जाएगी और फिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
लागत और निर्माण कार्य
इस परियोजना का निर्माण कार्य 65 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसमें सोहना रेलवे ओवरब्रिज को फोरलेन में बदलने के साथ-साथ आसपास के इलाके में ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए कई सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे।
लाभ
सोहना रेलवे ओवरब्रिज को फोरलेन बनाने से न केवल बल्लभगढ़ और एनआईटी क्षेत्र के यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह परियोजना पूरे क्षेत्र के ट्रैफिक प्रबंधन को सुधारने में मदद करेगी। इस परियोजना के पूरा होने पर, लोग राजीव कॉलोनी, औद्योगिक क्षेत्र, और आसपास की कॉलोनियों से राष्ट्रीय राजमार्ग पर आसानी से पहुंच सकेंगे।