हरियाणा में अब आएगा प्रोपर्टी की कीमतों में भयंकर उछाल! EDC में 20 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान
Haryana: हरियाणा सरकार ने आठ साल बाद बाह्य विकास शुल्क (EDC) में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे राज्य के शहरी इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है। यह बढ़ोतरी बिल्डरों और डेवलपर्स के लिए एक नया वित्तीय दबाव उत्पन्न करेगी, जिसका सीधा असर खरीदारों पर पड़ेगा। आने वाले समय में आवासीय परियोजनाओं की कीमतें और भी ज्यादा महंगी हो सकती हैं।
EDC दरों में बदलाव के कारण
हरियाणा के नगर एवं आयोजना विभाग के निदेशक अमित खत्री द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, राज्य को छह जोन में बांट दिया गया है, और प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग EDC दरें निर्धारित की गई हैं। यह बदलाव राज्य में विकास और निर्माण गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से किया गया है।
EDC बढ़ोतरी का क्षेत्रीय विभाजन
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ईडीसी बढ़ाने से उत्पन्न अतिरिक्त राजस्व का उपयोग संबंधित क्षेत्र में विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए गुरुग्राम जिले के पटौदी, हेलीमंडी और फर्रुखनगर को कम क्षमता वाले क्षेत्र से बाहर निकालकर मध्यम क्षमता वाले क्षेत्र में शामिल किया गया है।
मध्यम संभावित क्षेत्र में अम्बाला, करनाल, कुरूक्षेत्र, बहादुरगढ़, हिसार, रोहतक, रेवाडी, बावल, रेवाडी, पलवल, जगाधरी-यमुनानगर, धारूहेड़ा, पृथला, गन्नौर और होडल शामिल हैं। कम क्षमता वाले जोन में भिवानी, फतेहाबाद, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नारनौल, सिरसा और झज्जर तथा कम क्षमता वाले जोन में हथीन, नूंह, तावडू, नारायणगढ़, तरावड़ी, घरौंदा, इंद्री, असंध, शाहबाद, हांसी, अग्रोहा, नरवाना - .दादरी, रतिया और टोहाना में रहेंगे।
सरकार के दृष्टिकोण से EDC बढ़ोतरी
EDC दरों में बढ़ोतरी से मिलने वाले अतिरिक्त राजस्व का उपयोग संबंधित क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा। सरकार का मानना है कि यह वृद्धि आर्थिक और शहरी विकास में मदद करेगी और नए विकास कार्यों को प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा, गुरुग्राम जिले के पटौदी, हेलीमंडी और फरुखनगर को लो पोटेंशियल जोन से निकालकर मीडियम पोटेंशियल जोन में शामिल कर लिया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी।
EDC दरों का वार्षिक बढ़ना
इसके साथ ही, यह भी तय किया गया है कि आधार EDC दरों के निर्धारण तक हर साल अप्रैल में EDC में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। इससे यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार वृद्धि होती रहेगी, जिसका असर आम नागरिकों और निवेशकों पर पड़ेगा।