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हरियाणा में नए जिले और तहसीलें बनाने का प्रक्रिया शुरू! कैबिनेट सब कमिटी के नए फैसले जानें

हरियाणा में प्रशासनिक संरचना को सुधारने और नए जिलों, उपमंडल, उप तहसीलें और तहसीलें बनाने के लिए कैबिनेट सब कमिटी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, राज्य में किसी भी नए जिले या तहसील के गठन के लिए जरूरी है कि जिला उपायुक्त की सिफारिश, ब्लॉक समिति का प्रस्ताव, और संबंधित विधानसभा के विधायक का प्रस्ताव प्राप्त हो।
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हरियाणा में नए जिले और तहसीलें बनाने का प्रक्रिया शुरू! कैबिनेट सब कमिटी के नए फैसले जानें

Haryana New Districts: हरियाणा में प्रशासनिक संरचना को सुधारने और नए जिलों, उपमंडल, उप तहसीलें और तहसीलें बनाने के लिए कैबिनेट सब कमिटी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, राज्य में किसी भी नए जिले या तहसील के गठन के लिए जरूरी है कि जिला उपायुक्त की सिफारिश, ब्लॉक समिति का प्रस्ताव, और संबंधित विधानसभा के विधायक का प्रस्ताव प्राप्त हो।

जिला उपायुक्त की सिफारिश 

नए जिले के गठन के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है। संबंधित ब्लॉक समिति द्वारा प्रस्ताव दिया जाना चाहिए। संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायक का भी प्रस्ताव जरूरी होगा।

नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव 

अगर नया जिला नगर क्षेत्र में प्रस्तावित है तो नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव भी अनिवार्य होगा। इन तीन प्रस्तावों और डीसी की सिफारिश के बिना राज्य में कोई नया जिला नहीं बन सकेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नए जिले बनाने की प्रक्रिया सही तरीके से और सभी जरूरी पक्षों के विचार से हो।

पांच नए जिलों की मांग, लेकिन दस्तावेज अधूरे

कैबिनेट सब कमिटी को अभी तक पांच नए जिलों बनाने की मांग प्राप्त हुई है, जिनमें हांसी, गोहाना, असंध, सफीदो, और डबवाली शामिल हैं। हालांकि, इन मांगों पर विचार करने से पहले कैबिनेट सब कमिटी ने यह स्पष्ट किया कि इन जिलों के गठन के लिए जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण अभी इन पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जिला उपायुक्तों को कहा गया है कि वे इस मामले में सभी जरूरी दस्तावेज़ तैयार करें और जल्द ही कैबिनेट सब कमिटी के पास भेजें ताकि इन मांगों पर उचित विचार किया जा सके।

उप तहसील और तहसीलें बनाने के लिए नए प्रस्ताव

कैबिनेट सब कमिटी की बैठक में कुछ नए प्रस्तावों को मंजूरी भी दी गई है.  महेंद्रगढ़ जिले के गांव मंडोला को उप तहसील सतनाली में शामिल किया गया।रेवाड़ी जिले के बरेलीकलां गांव को उप तहसील पाल्लावास से हटाकर तहसील रेवाड़ी में शामिल किया गया। यमुनानगर जिले के गांव गुंदियाना को रादौर तहसील से बाहर निकालकर उप तहसील सरस्वती नगर में शामिल किया गया। फरीदाबाद जिले में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं, जिसमें सेक्टर 15 ए और 16 ए को तहसील फरीदाबाद में शामिल किया गया।

गांवों के लिए प्रस्ताव जरूरी

इस प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है कि अगर किसी गांव को उप तहसील या तहसील में शामिल किया जाता है, तो उसके लिए वहां के सरपंच का प्रस्ताव भी जरूरी होगा। यह कदम स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा और गांवों की जरूरतों के हिसाब से प्रशासनिक फैसले लिए जाएंगे।

भविष्य की प्रक्रिया

कैबिनेट सब कमिटी के चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने स्पष्ट किया है कि जैसे-जैसे ब्लॉक समिति, विधायक, नगर पालिका, परिषद अथवा नगर निगमों के प्रस्ताव और जिला उपायुक्तों की सिफारिशें आती रहेंगी, कैबिनेट सब कमिटी नए जिले, उपमंडल, उप तहसील और नई तहसीलों के गठन पर फैसला लेती रहेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विकास योजनाओं में पारदर्शिता और लोकहित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाएं।