जैविक खेती पकड़ेगी रफ्तार, हरियाणा के इस जिले में स्थापित होगी बायो कंट्रोल लैब, इतने करोड़ की राशि मंजूर, जानें
Bio Control Lab: हरियाणा सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रेवाड़ी जिले के बावल स्थित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र में बायो कंट्रोल लैब स्थापित करने की तैयारी चल रही है। इस लैब का उद्देश्य जैविक खेती को प्रोत्साहित करना और किसानों को कम लागत में उच्च गुणवत्ता के जैविक उत्पाद उपलब्ध कराना है। यह लैब केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जैविक खेती के क्षेत्र में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इसके द्वारा किसान जैविक खेती में आने वाली समस्याओं का समाधान पा सकेंगे, और उन्हें नई तकनीकों के माध्यम से अधिक लाभ प्राप्त होगा।
बायो कंट्रोल लैब का उद्देश्य जैविक खेती में उपयोग होने वाले रोगों के नियंत्रण के लिए जैविक उत्पादों का निर्माण करना है। जैविक खेती में दीमक, उखेड़ा रोग और फफूंदी जैसे रोगों का नियंत्रण करने के लिए ट्राइकोडरमा, मेटारिजियम, और बवेरिया जैसे जीवाणुओं का उत्पादन किया जाएगा। यह जीवाणु किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे, जिससे जैविक खेती करने में उनकी लागत कम होगी। लैब से जैविक खेती के समाधान स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगे, जिससे किसानों को त्वरित और प्रभावी सहायता मिल सकेगी।
लैब को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। इससे अनुसंधान कार्यों में गति आएगी और किसानों के लिए प्रभावी समाधानों का निर्माण किया जा सकेगा। लैब में होने वाले अनुसंधान से जैविक खेती के क्षेत्र में नए और वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएंगे। इस लैब से जैविक खेती के लिए आवश्यक उत्पाद कम कीमत पर उपलब्ध होंगे, जो किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगे।
केंद्र सरकार ने इस बायो कंट्रोल लैब के प्रोजेक्ट के लिए 1.55 करोड़ रुपये की बजट राशि मंजूर की है। इसके अलावा, लैब की स्थापना पर 1.75 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जो पूरी तरह से हाईटेक उपकरणों और संसाधनों पर खर्च की जाएगी। इस राशि से लैब के लिए सभी आवश्यक संसाधन और उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, किसानों को नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यह प्रोजेक्ट खासतौर पर उन क्षेत्रों के लिए फायदेमंद होगा जहां कम बारिश होती है। रेवाड़ी और आसपास के जिलों में बारिश की कमी के कारण किसान पारंपरिक खेती से अधिक उत्पादन नहीं कर पाते। बायो कंट्रोल लैब में किसानों को नई तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे कम बारिश वाली जगहों पर भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकें।