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ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी व सीएचसी की संख्या काफी कम, 89 प्रतिशत पीएचसी में ऑपरेशन थियेटर की सुविधा नहीं

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ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी व सीएचसी की संख्या काफी कम, 89 प्रतिशत पीएचसी में ऑपरेशन थियेटर की सुविधा नहीं

प्रदेश में शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हुई है, परंतु ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी अभाव हैं। विभाग के अनुसार, राज्य में 2733 सब सेंटर है, लेकिन राज्य में 4024 सब सेंटर की जरूरत है। यानी 1291 सब सेंटर कम है। इसी प्रकार 671 पीएचसी के मुकाबले राज्य में अभी 409 ही संचालित किए जा रहे हैं। जबकि अभी 123 सीएचसी संचालित की जा रही है। जबकि 164 की जरूरत है। यानी 42 की कमी है। 

गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की काफी कमी 

गांवों में तो स्वास्थ्य मंत्रालय की जुलाई में आई रिपोर्ट की मानें, तो इन पीएचसी, सीएचसी में सुविधाओं की भी कमी है। हाल यह है कि राज्य के 250 से कम ही ऐसे पीएचसी हैं, जो 24 घंटे खुले रहते हैं। बाकी रात को बंद हो जाते हैं। इसी प्रकार 20% पीएचसी में प्रसव की व्यवस्था नहीं है। ऑपरेशन थिएटर 89 प्रतिशत पीएचसी में नहीं है। 

इससे हायर इंस्टीट्यूट माने जाने वाले सीएचसी की स्थिति भी ज्यादा ठीक नहीं है। यहां भी 57 सीएचसी में ही ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था है। एक्स-रे सिर्फ 34 सीएचसी में है। ऐसे में लोगों को सुविधाओं के लिए शहरों की तरफ दौड़ लगानी पड़ती है। इसी प्रकार राज्य में मेडिकल ऑफिसर के 3903 पदों में 1100 से ज्यादा पद रिक्त हैं। हालांकि अभी 777 डाक्टरों की भर्ती चल रही है। प्रदेश में स्वास्थ्य बजट में चालू वित्त वर्ष में 23% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है।