First IAS Officer of India: जानिए कौन थे भारत के पहले आईएएस अफसर? महज 21 की साल उम्र में पास किया UPSC एग्जाम

First IAS Officer of India:

First IAS Officer of India: देश के पहले आईएएस अफसर की बात करते समय सत्येंद्रनाथ टैगोर का नाम सबसे पहले आता है। उनका जन्म 1 जून 1842 को कोलकाता के जोरासांको में टैगोर परिवार में महर्षि देबेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के घर हुआ था। उनकी पत्नी ज्ञानदानंदिनी देवी थीं और उनके दो बच्चे सुरेंद्रनाथ टैगोर और इंदिरा देवी चौधुरानी थे।

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सत्येंद्रनाथ टैगोर ने प्रेसीडेंसी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और भारतीय सिविल सेवा (ICS) के पहले भारतीय अधिकारी बने। वह 1864 में सेवा में शामिल हुए और ब्रह्मो समाज के सदस्य भी थे। जब भारत में सिविल सर्विसेज एग्जाम की शुरुआत हुई, उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था।

1854 में, ब्रिटिश संसद की सेलेक्ट कमेटी ने लॉर्ड मैकाउले की रिपोर्ट में सिफारिश की कि सिविल सर्विस में सेलेक्शन के लिए मेरिट बेस एग्जाम कराया जाए। इसके लिए 1854 में लंदन में सिविल सर्विस कमीशन का गठन किया गया और अगले साल से परीक्षा शुरू हो गई।

शुरुआती सिविल सर्विस एग्जाम में न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 23 साल रखी गई थी। अंग्रेजों ने भारतीयों को फेल करने के लिए एक कठिन सिलेबस तैयार किया, जिसमें यूरोपीय क्लासिक के लिए ज्यादा नंबर रखे गए। लेकिन 1864 में सत्येंद्रनाथ टैगोर ने यह एग्जाम पास करके इतिहास रच दिया।

वह रबिंद्रनाथ टैगोर के भाई थे और उनकी सफलता ने अन्य भारतीयों को प्रेरित किया। इसके बाद, भारतीयों के प्रयासों और याचिकाओं के बाद 1922 से यह परीक्षा भारत में होनी शुरू हुई। सत्येंद्रनाथ टैगोर एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे, जो सिविल सेवक होने के साथ-साथ कवि, संगीतकार, लेखक, समाज सुधारक और भाषाविद भी थे।

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