Haryana News: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की कार्य प्रणाली भी गजब की है। 12वीं की छात्रा आरती को उसकी मार्कशीट में 400 में से 433 अंक दिए गए हैं। जबकि 12वीं में पांच विषय अनिवार्य होते हैं और 500 में से अंक दिए जाते हैं। इतना ही नहीं मार्कशीट में सिर्फ चार विषय ही दर्शाए गए हैं।
यह सिर्फ आरती की मार्कशीट में ही नहीं बल्कि 12वीं में बैंकिंग और फाइनेंस विषय लेने वाले सभी अभ्यर्थियों की मार्कशीट में है। किसी भी अभ्यर्थी की मार्कशीट में यह विषय नहीं दर्शाया गया है। जिससे बोर्ड की ये मार्कशीट फर्जी लग रही हैं।
अधिकारियों ने कहा प्रिंटिंग मिस्टेक है
यह मामला बोर्ड अधिकारियों के संज्ञान में भी आया और उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जिन लोगों की मार्कशीट में ऐसी गलतियां हैं, उन्हें ई-मेल के जरिए सूचित करने, बोर्ड में आकर संपर्क करने को कहा गया है ताकि इसे ठीक किया जा सके। अधिकारी इसे प्रिंटिंग मिस्टेक बता रहे हैं।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने मार्च-अप्रैल माह में 10वीं और 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की थीं। बोर्ड ने रिकॉर्ड 27 दिनों में 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। जिसके बाद 1 और 2 जुलाई को सभी परीक्षार्थियों की मार्कशीट स्कूल प्रमुखों को दे दी गई। जब परीक्षार्थियों में मार्कशीट बांटी गई तो बच्चे उन्हें देखकर हैरान रह गए।
बैंकिंग और फाइनेंस विषय लेने वाले अधिकतर परीक्षार्थियों की मार्कशीट में केवल चार विषय दर्शाए गए हैं। इन उत्तर पुस्तिकाओं में भी 400 में से अंक दिए गए हैं। एक छात्रा को 400 में से 433 अंक दिए गए हैं। जिससे ये उत्तर पुस्तिकाएं भी फर्जी लग रही हैं। अब स्कूल प्रमुख इन मार्कशीट को वापस बोर्ड को भेज रहे हैं।
प्रदेश में बैंकिंग और फाइनेंस विषय के 1700 विद्यार्थी हैं
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से भेजी गई मार्कशीट में सबसे ज्यादा गलतियां बैंकिंग और फाइनेंस विषय लेने वाले अभ्यर्थियों की मार्कशीट में हैं। अन्य की गलतियां अभी तक सामने नहीं आई हैं। औसतन हर जिले में 10 से 12 स्कूलों में 80 से 90 विद्यार्थी ही बैंकिंग और फाइनेंस विषय लेते हैं। पूरे प्रदेश में इनकी संख्या करीब 1700 है। अब इन स्कूलों के बच्चे परेशान हैं। तिगड़ाना सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राज कुमार ने बताया कि हमारे बच्चों की मार्कशीट में कुछ गलतियां थीं, जिन्हें वापस बोर्ड को जमा करा दिया गया है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जा रही है। यह प्रिंटिंग की गलती लग रही है। जिन अभ्यर्थियों की मार्कशीट में गलतियां हैं, वे बोर्ड को ईमेल करें या मिलें। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। इसे ठीक करा दिया जाएगा।
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