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New Highway: हरियाणा से राजस्थान के रेतीले टीलों के बीच बनेगा नया हाईवे, चमक जाएगी इन लोगों की किस्मत

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Government

नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास अभियान में एक और नया प्रोजेक्ट शामिल हो रहा है। हरियाणा के सिरसा और राजस्थान के चूरू जिले को जोड़ने के लिए एक नया हाईवे प्रस्तावित किया गया है। यह सड़क राजस्थान के रेतीले इलाकों से होकर गुजरेगी जिससे दोनों राज्यों के बीच यातायात आसान होगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।

सफर होगा आसान और तेज़

वर्तमान में, सिरसा से चूरू का सफर करने में काफी समय लगता है खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए यह यात्रा और भी चुनौतीपूर्ण होती है। लेकिन इस नए हाईवे के बनने से लोगों को एक सीधा और सुगम मार्ग मिलेगा। यह सड़क (Highway) सिरसा से शुरू होकर जमाल, फेफाना, नोहर और तारानगर होते हुए चूरू तक पहुंचेगी।

शुरुआती चरण में 34 किलोमीटर की सड़क निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है जबकि आगे की योजना सर्वे के बाद तय की जाएगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह हाईवे भविष्य में नेशनल हाईवे नेटवर्क से भी जोड़ा जाएगा जिससे दिल्ली और जयपुर जैसे बड़े शहरों तक पहुंचना अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।

हाईवे के बनने से बस सेवा को मिलेगा बढ़ावा

इस सड़क के निर्माण से सिर्फ निजी वाहन चालकों को ही नहीं बल्कि बस यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। फिलहाल सिरसा से चूरू के लिए बस सेवा सीमित है और खराब सड़कें यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनती हैं।

लेकिन (Bus Connectivity) इस नए हाईवे के बनने के बाद बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। निजी बस ऑपरेटर और सरकारी परिवहन विभाग इस रूट पर अतिरिक्त बसें चलाने की योजना बना रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क के बनने से दैनिक यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। छोटे कस्बों और गांवों के लोग आसानी से बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे, जिससे उनकी रोज़गार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

रेगिस्तानी इलाकों में विकास की नई लहर

राजस्थान के पश्चिमी भागों में सड़क नेटवर्क का विकास अपेक्षाकृत धीमा रहा है, लेकिन इस हाईवे के निर्माण से इन क्षेत्रों में भी विकास तेज होगा। यह नया मार्ग (New Road) नोहर, तारानगर और चूरू को सीधा हरियाणा से जोड़ेगा, जिससे व्यापार और कृषि गतिविधियों को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

यह हाईवे खासतौर पर कृषि उत्पादों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाएगा। सिरसा और नोहर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में कपास और गेंहू की खेती होती है, जबकि चूरू और आसपास के इलाकों में सरसों और बाजरा का उत्पादन होता है। इस सड़क के जरिए किसान अपनी फसलें जल्दी और कम लागत में मंडियों तक पहुंचा सकेंगे।

सर्वे रिपोर्ट और सरकारी स्वीकृति की तैयारी

निजी कंपनियों द्वारा इस परियोजना का सर्वे किया गया है और रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, (Infrastructure Planning) यदि सभी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से पूरी होती हैं तो इस हाईवे का निर्माण कार्य अगले वित्तीय वर्ष में शुरू हो सकता है।

वर्तमान योजना के अनुसार, यह सड़क शुरुआत में 15 फीट चौड़ी होगी लेकिन भविष्य में इसे दो और फिर चार लेन में विस्तार किया जाएगा। इससे भारी वाहनों के आवागमन में भी आसानी होगी और ट्रैफिक जाम की समस्या से बचाव होगा।

हरियाणा-राजस्थान के व्यापारियों को होगा लाभ

सिरसा और चूरू दोनों ही जिलों में व्यापारियों की एक बड़ी संख्या है जो कृषि उत्पादों और अन्य सामानों का व्यापार करते हैं। इस हाईवे से उनके लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।

इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं। नई सड़क बनने से ट्रक और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को अधिक ऑर्डर मिलने की संभावना है।

संपत्ति बाजार में आएगी तेजी

जब भी किसी इलाके में नई सड़क या हाईवे बनता है, तो वहां की जमीनों के दाम बढ़ने लगते हैं। इसी तर्ज पर (Real Estate Market) सिरसा, नोहर, तारानगर और चूरू के इलाकों में प्रॉपर्टी के रेट में उछाल आने की उम्मीद की जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में नई सड़क बनने के बाद यहां नए रिहायशी और व्यावसायिक प्रोजेक्ट शुरू हो सकते हैं जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा।