home page

हरियाणा के इस जिले में नाबालिग ने किया एक्सीडेंट, पुलिस ने माता-पिता पर चलाया कानूनी डंडा

 | 
Accident

हरियाणा के सिरसा जिले में ट्रैफिक पुलिस ने नाबालिग वाहन चालकों पर बड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है। अब अगर कोई नाबालिग बच्चा (Minor) वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है या दुर्घटना (Accident) करता है तो सिर्फ बच्चे को ही दोषी नहीं माना जाएगा बल्कि उसके माता-पिता के खिलाफ भी एफआईआर (FIR) दर्ज की जाएगी। पुलिस का साफ कहना है कि माता-पिता की लापरवाही के कारण सड़क पर हादसे बढ़ रहे हैं और इसे रोकने के लिए अब कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा।

पुलिस ने जारी किए सख्त आदेश

सिरसा ट्रैफिक पुलिस ने अपने अभियान को और तेज कर दिया है। पुलिस के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में शहर और ग्रामीण इलाकों में नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। कई बार 13-14 साल के बच्चे भी बिना हेलमेट (Helmet) और बिना लाइसेंस (License) के तेज रफ्तार से बाइक दौड़ाते नजर आते हैं।

इससे न केवल उनकी जान खतरे में पड़ती है बल्कि राहगीरों की सुरक्षा भी खतरे में रहती है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि माता-पिता को अब यह समझना होगा कि नाबालिग बच्चों को गाड़ी देना एक अपराध (Crime) है और यदि वे ऐसा करते हैं तो कानून की नजर में दोषी माने जाएंगे।

एसपी विक्रांत भूषण की चेतावनी

सिरसा एसपी विक्रांत भूषण ने दो दिन पहले ही जिले के पुलिस अधिकारियों की बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस को आदेश दिए कि सड़क पर चेकिंग अभियान (Checking Campaign) को और कड़ा किया जाए।

साथ ही नाबालिग वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाए और उनके माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। एसपी ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि ऐसे वाहनों पर विशेष ध्यान दिया जाए जिन पर पुलिस प्रेस या अन्य स्टिकर (Sticker) लगे होते हैं ताकि कोई नियमों का उल्लंघन कर बचने की कोशिश न करे।

माता-पिता ही थमा रहे बच्चों को गाड़ी

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकांश मामलों में माता-पिता ही अपने नाबालिग बच्चों को गाड़ी की चाबी सौंप देते हैं। स्कूल और कोचिंग क्लासेज (Coaching Classes) जाने के नाम पर कई बच्चे बाइक और कार चलाते हैं। 

कुछ माता-पिता इसे स्टेटस सिंबल (Status Symbol) मानते हैं और अपने बच्चों को स्कूटी बाइक और कभी-कभी कार भी चलाने देते हैं। लेकिन यह सिर्फ एक गलत फैशन (Fashion) नहीं है बल्कि एक बड़ा अपराध भी है।

पुलिस का कहना है कि भारत में 18 साल की उम्र से पहले वाहन चलाने की अनुमति नहीं है। मगर फिर भी कई माता-पिता अपने 13-14 साल के बच्चों को गाड़ी देकर सड़कों पर भेज रहे हैं। यह लापरवाही किसी की जान भी ले सकती है।

ट्रैफिक पुलिस का सख्त एक्शन

सिरसा ट्रैफिक पुलिस अब सड़क पर जगह-जगह बैरिकेडिंग (Barricading) कर वाहनों की चेकिंग कर रही है। विशेष रूप से स्कूल और कोचिंग संस्थानों के आसपास पुलिस तैनात की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नाबालिग बच्चे वाहन न चलाएं।

पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों वाहनों का चालान किया है और कई माता-पिता को नोटिस (Notice) भेजे हैं। ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अब से हर वाहन चालक की उम्र की जांच की जाएगी और यदि वाहन चालक नाबालिग पाया जाता है तो उसके माता-पिता के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।