हरियाणा में दिव्यांग भाई की हत्या करने वाले को फांसी की सजा, सिर काटकर खूंटी पर टांगा

हरियाणा के मकान विवाद में अपने दिव्यांग भाई की हत्या करने वाले आरोपी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने न सिर्फ भाई का गला काटा बल्कि उसके सिर को पॉलिथीन में डालकर खूंटी पर टांग दिया और रात भर वहीं पर बैठा रहा।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ श्रेणी में रखते हुए फैसला सुनाया है। यह मामला 18 जून 2020 का है। कोर्ट ने आरोपी को धारा 302 के तहत मृत्युदंड के अलावा अन्या धाराओं के तहत 15 साल की जेल और 35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
6 भाई-बहन, 2 भाइयों की मौत हो चुकी
शिकायतकर्ता सुषमा ने बताया कि वे 6 भाई बहन है, जिनमें 2 भाईयों की मौत हो चुकी है। उसका छोटा भाई दीपक दिव्यांग था। वह टोहाना में गोगा मेड़ी के पास अपनी मां के साथ रहता था। उसकी मां ने 10 साल पहले अपने मकान की रजिस्ट्री दीपक के नाम करवा दी थी।
जान से मारने की बात कह चुका था
दूसरा भाई अशोक इस बात से रंजिश रखता था और कई बार जान से मारने की धमकी दे चुका था। गांव डांगरा निवासी सुरजीत उसके भाई दीपक का धर्म भाई बना हुआ था। 18 जून 2020 को सुरजीत ने उसे फोन कर बताया कि 17 जून को वह दीपक के घर पर था तभी अशोक आया और उसके सामने बैठकर शराब पीने लगा, जिसके बाद वह अपने गांव चला गया।
दरवाजा नहीं खुल रहा था
18 तारीख को जब वह दीपक के घर पहुंचे तो दरवाजा खोलकर देखा। घर के बरामदे में भाई दीपक का शव खून से लथपथ मिला उसकी गर्दन धारदार हथियार से कटी हुई थी।
उसका सिर भी नहीं मिला। उसने अपने भाई अशोक पर उसकी हत्या कर सिर ले जाने का आरोप लगाया। घर में लगे CCTV कैमरों की डीवीआर भी गायब थी। जिस पर सुषमा अपने पति के साथ मौके पर पहुंची और पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
हत्या के 2 दिन बाद गिरफ्तार किया,
पुलिस ने आरोपी को हत्या के दो दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी को तब कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया था। आरोपी ने रिमांड के दौरान बताया था कि वह भाई की हत्या कर सारी रात वहीं पर बैठा रहा। दीपक का एक सोने का कड़ा और 60 हजार रुपये की नकदी और 2 मोबाइल अपने साथ ले गया।
पॉलिथीन बैग में डालकर खूंटी पर टांग दिया था सिर
पहले उसने दीपक के कटे सिर को एक पॉलिथीन बैग में डालकर वहीं खूंटी पर टांग दिया था। सुबह 5 बजे वह सिर और सामान लेकर वहां से चला गया था। अदालत ने आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 457, 506, 201 में 5-5 साल की कैद व 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायवादी अरुण कुमार ने इस मामले में सफल पैरवी की।