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HSSC: हरियाणा सरकार ने दी बड़ी जानकारी, हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारियों को विभाग आवंटित

हरियाणा सरकार ने ग्रुप डी कर्मचारियों को विभाग आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी है, और यह कर्मचारियों के लिए राहत की बात है। साथ ही, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ग्रुप डी कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए नई योजना पर काम शुरू किया है, जो भविष्य में इन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा ग्रुप डी के पदों पर भर्ती की गई थी, लेकिन भर्ती के बाद भी चयनित उम्मीदवारों को उनके विभागों का आवंटन नहीं किया गया था। 
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हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारियों को विभाग आवंटित

HSSC: हरियाणा सरकार ने ग्रुप डी कर्मचारियों को विभाग आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी है, और यह कर्मचारियों के लिए राहत की बात है। साथ ही, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ग्रुप डी कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए नई योजना पर काम शुरू किया है, जो भविष्य में इन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा ग्रुप डी के पदों पर भर्ती की गई थी, लेकिन भर्ती के बाद भी चयनित उम्मीदवारों को उनके विभागों का आवंटन नहीं किया गया था। 

इसके लिए उम्मीदवारों द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही थी। अब, हरियाणा सरकार ने ग्रुप डी के कर्मचारियों को विभाग आवंटित कर दिए हैं। इससे संबंधित जानकारी हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सामने आई।

विभाग आवंटन की प्रक्रिया

ग्रुप डी कर्मचारियों को उनके ऑप्शन और मेरिट के आधार पर विभागों का आवंटन किया गया है। इन कर्मचारियों को पहले जिला उपायुक्तों या मंडल आयुक्तों के कार्यालयों में कार्यरत किया गया था। अब उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में उनके संबंधित कार्य सौंपे गए हैं। 

5 साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों को समस्या

विभाग आवंटन के बाद, उन कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिनकी सेवा 5 साल से कम है। ऐसा प्रस्ताव मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से तैयार किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि 14 अगस्त 2019 तक जिन कर्मचारियों की सेवा 5 साल हो चुकी है, उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जाएगा। वहीं, जिनकी सेवा 5 साल से कम है, उन्हें हटाया जा सकता है।

कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया

कर्मचारियों को हटाने के लिए एक विशेष फॉर्मूला तैयार किया गया है। इसके तहत, जो कर्मचारी बाद में नियुक्त हुए हैं, उन्हें पहले हटाया जाएगा। यानी जिन कर्मचारियों की सेवा कम है, उन्हें पहले नौकरी से हटाया जाएगा।

पदोन्नति के लिए योजना

ग्रुप डी के कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति के लिए भी लगातार आवाज उठाई जा रही थी। अब, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक नई योजना पर विचार किया है। इसके तहत, ग्रुप डी कर्मचारियों को ग्रुप C (क्लर्क पद) पर पदोन्नत करने के लिए एक कॉमन कैडर बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए एक्ट बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

परीक्षा का प्रस्ताव

ग्रुप डी कर्मचारियों को ग्रुप C (क्लर्क पद) पर पदोन्नत करने के लिए परीक्षा देने का भी प्रस्ताव हो सकता है। यह परीक्षा कर्मचारियों की योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर होगी।

2019 में हुई नियुक्तियाँ

जनवरी 2019 में 18,000 से ज्यादा ग्रुप डी कर्मचारी नियुक्त किए गए थे। इनमें से कुछ कर्मचारियों को पदोन्नति मिली है, जबकि कुछ कर्मचारी बिना पदोन्नति के सरकारी विभागों में कार्य कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें भी पदोन्नति का अवसर मिले।