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HSSC CET EXAM 2025: हरियाणा सीईटी की संशोधित पॉलिसी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, जानें क्या बोले रणदीप सिंह सुरजेवाला.....

हरियाणा में ग्रुप C और D की सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली सीईटी परीक्षा का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खबर आई है। राज्य सरकार ने संशोधित पॉलिसी जारी की, लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा विवाद भी सामने आया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं और इसे तर्कहीन बताया है। आइए जानते हैं इस विवाद के बारे में विस्तार से।
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HSSC CET EXAM 2025: हरियाणा सीईटी की संशोधित पॉलिसी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, जानें क्या बोले रणदीप सिंह सुरजेवाला.....

CET: हरियाणा में ग्रुप C और D की सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली सीईटी परीक्षा का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खबर आई है। राज्य सरकार ने संशोधित पॉलिसी जारी की, लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा विवाद भी सामने आया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं और इसे तर्कहीन बताया है। आइए जानते हैं इस विवाद के बारे में विस्तार से।

हरियाणा सीईटी परीक्षा की संशोधित पॉलिसी

हरियाणा सरकार ने सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा के लिए कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिनके तहत अभ्यर्थियों से विभिन्न प्रकार के शुल्क लिए जाएंगे। पॉलिसी के मुताबिक, जो सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के पास आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) होंगे, उनका रजिस्ट्रेशन शुल्क 500 रुपये होगा। जबकि जिनके पास ये दोनों दस्तावेज नहीं होंगे, उनसे 1,000 रुपये शुल्क लिया जाएगा।

कांग्रेस का आरोप

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस नीति को तर्कसंगत नहीं बताया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार की यह नीति असंवेदनशील है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने का आदेश खारिज कर दिया था, तो राज्य सरकार क्यों अलग-अलग शुल्क ले रही है।

सुरजेवाला ने आगे कहा कि यह नीति पूरी तरह से युवाओं के हितों के खिलाफ है। उनका तर्क है कि सीईटी परीक्षा पास करने वाले सभी उम्मीदवारों को ग्रुप C और D की नौकरियों में भर्ती का अवसर मिलना चाहिए, न कि केवल 10 गुना उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए।

विभिन्न शुल्कों का निर्धारण

आधार कार्ड और पीपीपी वाले उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये और बिना इन दस्तावेजों के 1,000 रुपये शुल्क की व्यवस्था की गई है, जिसे कांग्रेस नेता ने उचित नहीं माना।

10 गुना उम्मीदवारों का चयन

पॉलिसी के अनुसार, पदों की संख्या से केवल 10 गुना उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा, जो कि सुरजेवाला के अनुसार सही नहीं है। उनका कहना है कि यदि किसी उम्मीदवार ने सीईटी परीक्षा पास की है, तो उसे चयन प्रक्रिया में भाग लेने का पूरा हक है।

तकनीकी और मेडिकल पदों की अनुपस्थिति

कांग्रेस महासचिव ने यह भी आरोप लगाया कि तकनीकी और मेडिकल पदों को सीईटी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इन पदों का सिलेबस और चयन प्रक्रिया सामान्य ग्रुप C और D के पदों से पूरी तरह से अलग होती है।

क्या है पॉलिसी का उद्देश्य?

हरियाणा सरकार का उद्देश्य यह था कि सीईटी परीक्षा के जरिए उम्मीदवारों की योग्यता की एक सामान्य परख की जाए और फिर उस आधार पर उन्हें सरकारी नौकरियों में मौका दिया जाए। इसके तहत नौकरी पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को एक समान परीक्षा के माध्यम से भर्तियों के लिए चुनने का प्रयास किया गया है।

कांग्रेस की चिंताएं

कांग्रेस का कहना है कि सीईटी पास करने के बाद भी उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया से बाहर करना उचित नहीं है। सभी युवाओं को समान अवसर मिलना चाहिए। सुरजेवाला का मानना है कि आधार और पीपीपी को अनिवार्य करना उन उम्मीदवारों के लिए समस्या बन सकता है जिनके पास ये दस्तावेज नहीं हैं।

विवाद कोर्ट में बढ़ सकता है

राज्य सरकार ने पॉलिसी में बदलाव किया है, लेकिन यदि इस पॉलिसी पर विवाद बढ़ता है, तो यह अदालत तक जा सकता है। कांग्रेस का आरोप है कि यदि पॉलिसी में सुधार नहीं किया गया तो यह विवाद कोर्ट में बढ़ सकता है, जैसा कि पहले भी हुआ है।