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Hisar News: हिसार में छाया 90 हजार रुपए का हरियाणवी हुक्का, लोग इसे देख कर हो रहे हैरान

हरियाणा की संस्कृति में हुक्का और खाट का विशेष महत्व है। ये न केवल भाईचारे और मेलजोल का प्रतीक हैं, बल्कि पारंपरिक जीवनशैली का हिस्सा भी हैं। हिसार में चल रहे स्वदेशी मेले में 90 हजार रुपये के विशालकाय हुक्के ने खासा ध्यान खींचा है।
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हिसार में छाया 90 हजार रुपए का हरियाणवी हुक्का, लोग इसे देख कर हो रहे हैरान 

Hisar News: हरियाणा की संस्कृति में हुक्का और खाट का विशेष महत्व है। ये न केवल भाईचारे और मेलजोल का प्रतीक हैं, बल्कि पारंपरिक जीवनशैली का हिस्सा भी हैं। हिसार में चल रहे स्वदेशी मेले में 90 हजार रुपये के विशालकाय हुक्के ने खासा ध्यान खींचा है।

ऋषि नगर के अजय और दीक्षांत ने इस अनोखे हुक्के को तैयार किया है। उनका कहना है कि वे ऑर्डर पर खाट और हुक्के बनाते हैं और अब तक 50 से अधिक हुक्के बेच चुके हैं। नौ चिलम वाला यह हुक्का खासतौर पर शादी और अन्य समारोहों में किराए पर दिया जाता है।

यह मेला पारंपरिक हस्तशिल्प और संस्कृति को प्रोत्साहन देने का बेहतरीन उदाहरण है, जहां ग्रामीण और शहरी लोग एकसाथ आकर अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं को साझा कर रहे हैं।

हरियाणा की संस्कृति में हुक्का और खाट केवल उपयोगी वस्तुएं नहीं, बल्कि एक पहचान हैं। गांवों में चौपाल पर बुजुर्गों का हुक्का साझा करना उनकी एकता और भाईचारे का प्रतीक है। यह परंपरा न केवल ग्रामीण जीवन की सादगी को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक मेलजोल को भी बढ़ावा देती है।

स्वदेशी मेले में हुक्का और खाट जैसी वस्तुओं का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि आधुनिकता के बावजूद लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं। इस मेले में 90 हजार का हुक्का केवल एक वस्तु नहीं, बल्कि हरियाणवी कला और शिल्प का अद्भुत उदाहरण है।

अजय और दीक्षांत जैसे शिल्पकार इस पारंपरिक धरोहर को जीवंत बनाए हुए हैं। उनका काम दर्शाता है कि कैसे पुराने समय की चीजें आज भी लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं। उनका यह विशालकाय हुक्का न केवल हरियाणवी संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि शादी-विवाह जैसे उत्सवों में खास आकर्षण बन गया है।

इस तरह के आयोजनों से न केवल स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का अवसर भी मिलता है।