हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं का होगा बड़ा विस्तार, 5000 की आबादी पर बनेगा हेल्थ सब-सेंटर, नई भर्तियों की तैयारी

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक विस्तार करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य की आबादी के आधार पर नए हेल्थ सब-सेंटर (Health Sub-Center), कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) और प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस योजना के तहत पूरे प्रदेश को पांच-पांच हजार की आबादी वाले जोनों में बांटा गया है और हर जोन में एक हेल्थ सब-सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा 30 हजार की आबादी पर एक सीएचसी और 60 हजार की आबादी पर एक पीएचसी स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेशभर में मैपिंग से मिली अहम जानकारी
हरियाणा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने कार्यकाल में पूरे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की मैपिंग (Mapping) करवाई थी जिसके आधार पर यह कार्ययोजना तैयार की गई है। हालांकि अब स्वास्थ्य मंत्रालय आरती सिंह राव के पास है लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी विज के कार्यकाल में हुई इस मैपिंग रिपोर्ट पर आगे बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश के पुराने और जर्जर हो चुके अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के पुनर्निर्माण के लिए फंड (Fund) की मांग की है।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के मापदंडों के आधार पर राज्य के स्वास्थ्य बजट (Health Budget) में वृद्धि की अपील भी की है। मुख्यमंत्री भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर हैं, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि आगामी बजट में स्वास्थ्य विभाग को अधिक फंडिंग मिल सकती है।
नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना का तय हुआ फॉर्मूला
प्रदेशभर में जहां-जहां स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है, वहां हेल्थ सब-सेंटर, सीएचसी और पीएचसी स्थापित किए जाएंगे। सरकार ने यह तय किया है कि नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना मांग (Demand) के आधार पर नहीं बल्कि आवश्यकता (Need) के आधार पर की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार फॉर्मूले के तहत –
हर 5000 की आबादी पर एक हेल्थ सब-सेंटर
हर 30,000 की आबादी पर एक कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर (CHC)
हर 60,000 की आबादी पर एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC)
इसके अलावा, छह हेल्थ सब-सेंटर पर एक सीएचसी और 12 हेल्थ सब-सेंटर पर एक पीएचसी स्थापित होगा।
नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू
राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए नए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ (Para-Medical Staff) की भर्ती करने जा रही है। वर्तमान में राज्य में डॉक्टरों के करीब 2500 पद खाली पड़े हैं जिसे सरकार जल्द भरने की योजना बना रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने नए स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन के लिए नए पदों के सृजन (Creation of New Posts) की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह प्रस्ताव वित्त विभाग (Finance Department) को भेजा जाएगा जहां से मंजूरी मिलने के बाद विभाग शुरुआती चरण में कॉन्ट्रैक्ट (Contract) पर स्टाफ भर्ती करेगा ताकि जल्द से जल्द स्वास्थ्य केंद्रों को शुरू किया जा सके।
मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खोलने की योजना
सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के साथ-साथ नर्सिंग कॉलेजों (Nursing Colleges) की स्थापना करने की योजना बनाई है। इससे राज्य को कुशल डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की निरंतर आपूर्ति मिल सकेगी।
सरकार की योजना है कि जब तक नए अस्पताल और हेल्थ सेंटर की स्थायी बिल्डिंग (Building) तैयार नहीं हो जाती तब तक इन्हें किसी धर्मशाला, स्कूल या अन्य उपलब्ध भवनों में शुरू किया जाए। इससे लोगों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की गंभीरता
स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए हरियाणा सरकार लगातार सक्रिय है। सरकार की योजना सिर्फ नए हेल्थ सेंटर बनाने तक सीमित नहीं है बल्कि पहले से मौजूद हेल्थ सेंटरों को भी अपग्रेड (Upgrade) किया जाएगा।
मैपिंग रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कई ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां पर्याप्त स्टाफ नहीं है या बुनियादी सुविधाओं की कमी है। सरकार इन्हें दुरुस्त करने के लिए भी ठोस कदम उठा रही है। इसके तहत:
जर्जर अस्पतालों की मरम्मत (Renovation) की जाएगी।
नए उपकरण (Medical Equipment) खरीदे जाएंगे।
डिजिटल हेल्थ सुविधाएं (Digital Health Services) जोड़ी जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र से मांगा बजट
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने केंद्र सरकार से भी राज्य के स्वास्थ्य बजट में वृद्धि की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है इसलिए केंद्र से अधिक फंड की आवश्यकता होगी।
सरकार ने भी यह संकेत दिए हैं कि आगामी बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी इस पूरे प्रोजेक्ट (Project) को लेकर गंभीर हैं और चाहते हैं कि प्रदेश के नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।