हरियाणा में लगेंगे स्मार्ट मीटर, बिजली की लाइनें होंगी हाईटेक, केंद्र ने मंजूर किए 6797 करोड़ रुपये

हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार ने रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम (Revamped Distribution Sector Scheme - RDSS) के तहत हरियाणा को 6797 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। इस राशि से राज्य में बिजली वितरण (Power Distribution) को अधिक आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाई जाएंगी। खासतौर पर गुरुग्राम और फरीदाबाद को इस योजना का बड़ा लाभ मिलेगा जहां 3,638.21 करोड़ रुपये की लागत से सिस्टम आधुनिकीकरण और स्मार्ट वितरण पर कार्य किया जाएगा।
यह योजना उन उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है जो बार-बार बिजली कटौती (Power Cuts) और ओवरलोडिंग (Overloading) जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं।सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत स्मार्ट मीटरिंग (Smart Metering) को बढ़ावा दिया जाएगा और प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिससे बिजली बिल (Electricity Bill) में पारदर्शिता आएगी और उपभोक्ता अपने खर्च को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकेंगे।
हरियाणा को क्यों मिली इतनी बड़ी राशि?
रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम (RDSS) भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद बिजली वितरण प्रणाली (Electricity Distribution System) को सुधारना और घाटे में चल रही वितरण कंपनियों (DISCOMs) को मुनाफे में लाना है। हरियाणा उन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जहां बिजली वितरण को स्मार्ट और कुशल बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। यही कारण है कि राज्य को केंद्र सरकार से इतनी बड़ी आर्थिक सहायता मिली है।
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बताया कि हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए यह फंड दिया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा पुराने और जर्जर बिजली नेटवर्क को बदलने, ट्रांसफार्मर (Transformers) को अपग्रेड (Upgrade) करने और हाई-टेक उपकरणों को लगाने में खर्च किया जाएगा। इससे न केवल बिजली चोरी (Electricity Theft) पर लगाम लगेगी, बल्कि लाइन लॉस (Line Loss) भी कम होगा।
गुरुग्राम और फरीदाबाद को कैसे मिलेगा फायदा?
गुरुग्राम और फरीदाबाद, हरियाणा के दो सबसे तेजी से विकसित होते शहर हैं, जहां बिजली की मांग (Electricity Demand) लगातार बढ़ रही है। इन दोनों शहरों में कई बड़े आईटी पार्क (IT Parks), औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Areas) और रेजिडेंशियल टाउनशिप (Residential Townships) हैं, जहां 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति (Uninterrupted Power Supply) बेहद जरूरी है।
इस योजना के तहत इन दोनों जिलों में—
नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे, जिससे ओवरलोडिंग की समस्या कम होगी।
हाई वोल्टेज पावर लाइनों (High Voltage Power Lines) का विस्तार किया जाएगा, जिससे बिजली आपूर्ति और अधिक स्थिर होगी।
स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी (Smart Grid Technology) लागू की जाएगी, जिससे बिजली वितरण में दक्षता बढ़ेगी।
स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने का कार्य तेज किया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को सही बिलिंग (Billing) मिल सके और वे अपने बिजली खर्च को नियंत्रित कर सकें।
बिजली क्षेत्र में स्मार्ट मीटरिंग का महत्व
राज्य सरकार का मानना है कि स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने से बिजली चोरी और बिलिंग की गड़बड़ियों को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर रियल-टाइम डेटा (Real-Time Data) प्रदान करेंगे, जिससे उपभोक्ता अपने बिजली खर्च को ट्रैक कर पाएंगे। इससे न केवल उपभोक्ता को राहत मिलेगी, बल्कि बिजली वितरण कंपनियों को भी नुकसान से बचाया जा सकेगा।
इस योजना के अंतर्गत—
हरियाणा में लगभग 25 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
उपभोक्ताओं को ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) और मोबाइल ऐप (Mobile App) के जरिए बिजली खपत की जानकारी मिलेगी।
बिजली बिल का भुगतान आसान होगा और लोग डिजिटल माध्यमों (Digital Payments) से तुरंत भुगतान कर सकेंगे।