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Haryana tirth Yatra: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई ये गजब योजना! जानें जल्दी

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Haryana tirth Yatra: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई ये गजब योजना! जानें जल्दी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वरिष्ठ नागरिकों को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान में भाग लेने और यात्रा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए 16 जनवरी को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया था।

मात्र 10 दिनों में अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर महाकुंभ के लिए पहले जत्थे को रवाना किया। उन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के लिए रेवाड़ी से श्रद्धालुओं से भरी दो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से बातचीत की और उनकी सुरक्षित यात्रा की कामना की।

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अधिकारियों ने तत्परता से कार्य करते हुए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नए विस्तार के अनुसार पंजीकरण पोर्टल में आवश्यक बदलाव करने के साथ-साथ सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कीं और इसी के चलते आज महाकुंभ के लिए पहला जत्था रवाना हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से श्रद्धालुओं को देश के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाती है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में दर्शन का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने इस योजना का विस्तार किया है। 

इस योजना के तहत अब तक प्रदेश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या व अन्य तीर्थ स्थलों के दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं ने भगवान के जयकारों के साथ अपनी यात्रा शुरू की। महाकुंभ के लिए रेवाड़ी से भेजी गई दो बसों में श्रद्धालुओं के साथ डॉक्टर व सुरक्षाकर्मी भी भेजे गए हैं, ताकि उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत राज्य सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के उन बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा की व्यवस्था करती है, जिनके परिवार की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है। 

श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के सरल पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। हरियाणा सरकार का उद्देश्य है कि गरीब परिवारों को भी देवस्थानों के दर्शन का लाभ मिले, इससे बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं है।