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Haryana News: हरियाणा के सरपंचों और पंचों की अब नहीं खैर, पंचायती राज अधिनियम में होगा ये बड़ा बदलाव

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Nayab Saini

हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी (Nayab Saini) की सरकार अब भ्रष्ट सरपंचों और पंचों पर शिकंजा कसने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। पंचायतों में हो रहे घोटालों और विकास कार्यों में गड़बड़ियों पर अब छह साल तक कार्रवाई संभव होगी। सरकार पंचायती राज अधिनियम (Panchayati Raj Act) की धारा 53 की उपधारा (5) में संशोधन करने की तैयारी में है जिससे ग्राम पंचायत की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले सरपंच और पंच आसानी से नहीं बच सकेंगे।

भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

मौजूदा नियमों के अनुसार यदि किसी सरपंच या पंच के कार्यकाल में गड़बड़ी होती थी और पद से हटने के दो साल के भीतर कार्रवाई नहीं होती थी तो वे कानूनी शिकंजे से बच जाते थे। लेकिन अब सरकार इस नियम को बदलकर इसे और सख्त करने जा रही है। प्रस्तावित संशोधन के तहत अगर किसी पंचायत में भ्रष्टाचार (corruption) हुआ है तो उस गड़बड़ी के दिन से छह साल तक या फिर पद से हटने के दो साल तक कार्रवाई की जा सकेगी जो भी बाद में होगा।

घोटाले की भरपाई करना होगा अनिवार्य

सरकार द्वारा प्रस्तावित इस संशोधन के बाद अगर किसी सरपंच के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में कोई वित्तीय गड़बड़ी सामने आती है तो उससे छह साल तक नुकसान की भरपाई करवाई जा सकेगी। इससे पहले यह प्रावधान नहीं था जिसके कारण कई भ्रष्ट सरपंच और पंच आसानी से बच निकलते थे।

कई मामलों में देखा गया है कि पंचायतों में अनियमितताओं की शिकायतें पद से हटने के बाद सामने आती थीं लेकिन जांच लंबी चलने के कारण भ्रष्टाचार में शामिल लोग कानूनी कार्रवाई से बच जाते थे। अब नई नीति के तहत यदि किसी सरपंच ने कार्यकाल के आखिरी साल में गड़बड़ी की और जांच में दो से तीन साल लग गए तो भी उस पर नोटिस (notice) जारी किया जा सकेगा और वसूली की जाएगी।

शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई होगी

इस बदलाव के बाद ग्राम पंचायत की राशि या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले सरपंचों पर सरकार सीधी कार्रवाई कर सकेगी। मौजूदा व्यवस्था में कई बार ऐसा देखा गया कि जब किसी सरपंच के खिलाफ शिकायत दर्ज होती थी तो वह जांच में सहयोग नहीं करता था या जानबूझकर देरी करवाता था ताकि उसके पद से हटने के बाद दो साल की समय-सीमा खत्म हो जाए और वह कानूनी कार्रवाई से बच जाए।

नए नियमों के अनुसार किसी भी मामले में नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस गड़बड़ी होने से छह साल के भीतर जारी किया जाएगा चाहे सरपंच अपने पद से हटे हुए दो साल से अधिक समय हो गया हो। यह बदलाव हरियाणा की पंचायती व्यवस्था में पारदर्शिता (transparency) लाने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

सरकार बजट सत्र में रखेगी प्रस्ताव

हरियाणा सरकार बजट सत्र (Budget Session) के दौरान इस संशोधन को पेश करने की योजना बना रही है। अगर यह संशोधन पारित हो जाता है तो यह हरियाणा में पंचायती राज व्यवस्था (Panchayati Raj System) को और मजबूत बनाएगा और भ्रष्टाचार को रोकने में सहायक होगा।

सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है क्योंकि कई पंचायतों में सरपंच और पंच विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं करते रहे हैं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद भ्रष्टाचार करने वालों पर शिकंजा कसना आसान हो जाएगा और ग्रामीण विकास में पारदर्शिता बढ़ेगी।

गांवों में अब विकास होगा पारदर्शी

हरियाणा में पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) के बाद कई ऐसे मामले सामने आए थे जहां पर ग्राम पंचायतों में सरकारी फंड (government funds) का दुरुपयोग हुआ था। कई पंचायतों में विकास कार्य केवल कागजों पर ही पूरे दिखाए गए लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ। अब सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और जनता के धन का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लिया जा रहा है।

नए कानून से क्या होगा असर?

भ्रष्ट सरपंच और पंच बच नहीं पाएंगे - अगर कोई सरपंच अपने कार्यकाल में घोटाला करता है तो अब उससे छह साल तक जवाब मांगा जा सकेगा।

शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई होगी - अब पंचायत से जुड़े घोटालों की जांच लंबी नहीं चलेगी और तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम पंचायत की संपत्ति की सुरक्षा होगी - यदि कोई व्यक्ति पंचायत की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उससे कानूनी रूप से भरपाई करवाई जाएगी।

नए पंचायत प्रतिनिधियों को सतर्कता बढ़ानी होगी - अब हर सरपंच और पंच को यह ध्यान रखना होगा कि भ्रष्टाचार करने पर वह सालों बाद भी जवाबदेह होगा।