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Haryana News: हरियाणा सरकार ने किया बड़ा अहम बदलाव, अब सरकारी नौकरी के आवेदन के लिए ये दस्तावेज होंगे जरूरी, जानें जल्दी

सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का डेटा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। यह पहल न केवल कर्मचारियों के डेटा का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करेगी, बल्कि भविष्य में सरकारी योजनाओं और सेवाओं को लागू करने में भी सहायक होगी।
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Haryana News: हरियाणा सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में लागू होगा। सरकार का यह कदम भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इसके अतिरिक्त, राज्य में सभी सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का डेटा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। यह पहल न केवल कर्मचारियों के डेटा का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करेगी, बल्कि भविष्य में सरकारी योजनाओं और सेवाओं को लागू करने में भी सहायक होगी।

हरियाणा सरकार का यह कदम सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और डिजिटल प्रबंधन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आधार कार्ड की अनिवार्यता से निम्नलिखित लाभ संभावित हैं:

1. भर्ती प्रक्रिया में सुधार:

आधार कार्ड का उपयोग करने से उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करना आसान होगा। इससे फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर नौकरी पाने की कोशिशों पर रोक लगेगी।

2. फर्जी कर्मचारियों की पहचान:

सरकारी विभागों में अगर कोई फर्जी कर्मचारी है, तो मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) पोर्टल पर डेटा अपलोड होने से उन्हें पहचानना आसान होगा।

3. सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए:

HRMS पोर्टल पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों का डेटा एकत्र करने से पेंशन वितरण, सेवा इतिहास और अन्य लाभों का सुगम प्रबंधन होगा।

4. डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों की ओर कदम:

यह कदम सरकार की "डिजिटल इंडिया" योजना के अनुरूप है, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं को कागज रहित और अधिक कुशल बनाया जा सके।

चुनौतियां और सावधानियां:

डिजिटल सुरक्षा: डेटा चोरी और साइबर अटैक के जोखिम को ध्यान में रखते हुए मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता: सभी उम्मीदवारों और कर्मचारियों को इस नई प्रणाली के उपयोग के लिए जागरूक और प्रशिक्षित करना होगा।


कुल मिलाकर, यह निर्णय राज्य में सरकारी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।