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Haryana News: इस जिले में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ी! सब्जियों की खेती को बड़ा नुकसान, किसानों द्वारा प्रशासन से मुआवजे की मांग

धारूहेड़ा क्षेत्र में ओलावृष्टि और भारी बारिश ने किसानों के लिए एक कठिन समय खड़ा कर दिया है। गेहूं, सरसों और सब्जियों के नुकसान के चलते किसानों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। अब यह जिम्मेदारी प्रशासन की है कि वह सही तरीके से मुआवजा प्रदान कर किसानों की मदद करे। यदि किसानों को उचित मुआवजा मिल जाता है, तो वे अपनी फसलें पुनः उगाने में सक्षम हो सकते हैं और अपनी जीवनयात्रा को फिर से शुरू कर सकते हैं।
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Haryana News: इस जिले में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ी! सब्जियों की खेती को बड़ा नुकसान, किसानों द्वारा प्रशासन से मुआवजे की मांग

Haryana News:धारूहेड़ा क्षेत्र में ओलावृष्टि और भारी बारिश ने किसानों के लिए एक कठिन समय खड़ा कर दिया है। गेहूं, सरसों और सब्जियों के नुकसान के चलते किसानों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। अब यह जिम्मेदारी प्रशासन की है कि वह सही तरीके से मुआवजा प्रदान कर किसानों की मदद करे। यदि किसानों को उचित मुआवजा मिल जाता है, तो वे अपनी फसलें पुनः उगाने में सक्षम हो सकते हैं और अपनी जीवनयात्रा को फिर से शुरू कर सकते हैं।

हरियाणा के धारूहेड़ा क्षेत्र में हाल ही में हुई ओलावृष्टि और भारी बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस प्राकृतिक आपदा के कारण गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, प्रशासन केवल सरसों की फसल को नुकसान मानते हुए मुआवजे की बात कर रहा है, लेकिन किसान समुदाय का कहना है कि गेहूं और सब्जियों की फसलें भी उतनी ही प्रभावित हुई हैं और उन्हें भी उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

किसानों द्वारा प्रशासन से मुआवजे की मांग

गांव खरखड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश खरखड़ा ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और गवर्नर, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, स्थानीय सांसद और केंद्र मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ ही जिला उपायुक्त रेवाड़ी को एक पत्र भेजा है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि गेहूं, सरसों और सब्जियों के नुकसान का उचित आकलन किया जाए और तीनों फसलों के लिए मुआवजा प्रदान किया जाए।

प्रकाश खरखड़ा ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल की पत्तियां कटकर टूट गई हैं और पौधे जमीन तक समतल हो गए हैं। इस स्थिति ने किसानों के लिए फसल की गुणवत्ता और पैदावार को प्रभावित किया है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ गया है।

मुआवजे की मांग का विवरण

प्रकाश खरखड़ा ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि किसानों को कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपनी फसलों के नुकसान का सामना कर सकें और उनका जीवन फिर से पटरी पर आ सके। उन्होंने यह भी कहा कि बिना उचित मुआवजे के, किसान अपने नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएंगे और उन्हें आर्थिक रूप से और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

प्रशासन की भूमिका और किसानों की उम्मीदें

किसान समुदाय की उम्मीदें अब प्रशासन से जुड़ी हुई हैं। यदि प्रशासन मुआवजा देने के बजाय केवल एक फसल के नुकसान को ही मान्यता देता है, तो किसानों का गुस्सा बढ़ सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि प्रशासन इस संकट को समझे और सभी प्रभावित फसलों के नुकसान का सही तरीके से मूल्यांकन करके मुआवजा प्रदान करे।