Haryana News: हरियाणा सरकार ने बिल्डरों पर कसा शिकंजा, 5 साल बाद EDC की दरों में की 20 फीसदी बढ़ोत्तरी
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Haryana: बिल्डरों और डिवेल्परों से ईडीसी की वसूली को तेज करने के साथ-साथ सरकार ने EDC की दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है। शनिवार को सीएम सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंजल की मीटिंग में यह फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने नए साल में EDC की दरों में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बैठक के बाद बताया कि आज बैठक में हरियाणा में इंडेक्स मैकेनिजम प्रणाली में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
सीएम ने बताया कि अभी तक हरियाणा में साल 2015 की पॉलिसी के तहत ईडीसी की वसूली हो रही थी। इसकी दरों में 5 सालों से कोई बदलाव नहीं किया गया था। इसके चलते शनिवार को बैठक के दौरान 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2025 तक ईडीसी की वर्तमान दरों में 20 फसीदी बढ़ोत्तरी की गई है। इसके बाद 1 जनवरी 2026 से हर साल इसमें 10 फीसदी की ऑटोमैटिक वृद्धि लागू कर दी गई है। ईडीसी की दरें बढ़ने से सरकार के पास बाहिया विकास शुल्क अधिक आएगा जिसे क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा।
नायब सैनी ने बताया कि आर्थिक जोन से विकास को बढ़ावा देने के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के प्रस्ताव पर गुरुग्राम जिले के पटौदी, हेलीमंडी, फरुखनगर को लो पोटंशियल जोन से मीडियम पोटंशियल जोन में कनवर्ट करने को मंजूरी दी है। इससे हरियाणा सरकार को लाइसेंस शुल्क, ईडीसी, ट्रासंफर फीस की दरों के माध्यम से डिवेल्पर से अधिक राशि मिलेगी। जिसे उस क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा।
हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति के विस्तार को मंजूरी
नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग में हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 के साथ-साथ इसके तहत अधिसूचित योजनाओं के विस्तार को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 व्यवसाय करने की लागत को कम करने और हरियाणा में लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
इकाइयों को कौशल विकास पर समर्थन के साथ-साथ निवेश पर प्रोत्साहन- पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति, ईडीसी प्रतिपूर्ति और बिजली शुल्क छूट के माध्यम से समर्थन दिया जाता है। यह नीति लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों के लिए नियामक कानूनों और प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों के लिए कुशल श्रम पूल के निर्माण पर लक्षित मानव पूंजी विकास पहलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ गुणवत्ता और लागत प्रतिस्पर्धी मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग बुनियादी ढांचे के साथ-साथ खुदरा-उन्मुख बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर को किया जाएगा अपग्रेड
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा जिला गुरुग्राम के पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर संभावित क्षेत्रों को कम संभावित क्षेत्र से मध्यम संभावित क्षेत्र में संशोधित करने की स्वीकृति दी गई है। पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर (जिला गुरुग्राम) के क्षेत्र वर्तमान में हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों के विनियमन नियम, 1976 की 'अनुसूची' के अनुसार 'कम क्षमता वाले क्षेत्र' के अंतर्गत आते हैं, जिसमें विभिन्न संभावित क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं जो निम्न, मध्यम, उच्च और अति संभावित क्षेत्र हैं।
इस प्रकार यह देखा गया है कि ये क्षेत्र अब कॉलोनियों के विकास और संस्थानों, उद्योगों, गोदामों आदि जैसी अन्य गतिविधियों के लिए बहुत संभावित हो गए हैं। इसलिए, यह प्रस्ताव है कि पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर के क्षेत्रों को 'कम क्षमता वाले क्षेत्र' से 'मध्यम क्षमता वाले क्षेत्र' में अपग्रेड किया जा सकता है। इससे राज्य के खजाने में राजस्व में इजाफा होगा।