हरियाणा सरकार ने करी बड़ी घोषणा! लाल डोरे की ज़मीनों का अब मात्र 1 रुपये में मिलेगा मालिकाना हक
Haryana News: हरियाणा सरकार ने लाल डोरे के तहत बसे लोगों को उनके ज़मीनों का मालिकाना हक देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। पहले, कई लोगों के पास अपने घरों और दुकानों का वैध मालिकाना हक नहीं था। अब फरीदाबाद नगर निगम ने इन लोगों को मालिकाना हक सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे वे न केवल अपनी संपत्ति पर अधिकार स्थापित कर सकेंगे, बल्कि भविष्य में कई वित्तीय लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे।
मालिकाना हक सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया
नगर निगम की टीम द्वारा गांव-गांव सर्वे किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कौन से लोग इस योजना के तहत पात्र हैं। इस प्रक्रिया के तहत, गांव के नंबरदार की रिपोर्ट पर, लाल डोरे में बसे लोगों के मकानों की रजिस्ट्री एक रुपये में करवाई जाएगी। इसके साथ ही मालिकाना सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा। यह सर्टिफिकेट इन लोगों को उनके अधिकारों को प्रमाणित करने में मदद करेगा और भविष्य में उनकी संपत्ति का कारोबार करना आसान बनाएगा।
स्वामित्व योजना के तहत लाभ
राज्य सरकार की स्वामित्व योजना के तहत, मार्च 2025 तक इन लाभार्थियों को सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। इसके बाद, इन संपत्तियों की रजिस्ट्री कलेक्टर रेट पर की जा सकेगी। इसके तहत सरकारी या निजी बैंक से लोन प्राप्त करना भी आसान हो जाएगा।
जरूरी दस्तावेज और प्रमाण
मालिकाना हक पाने के लिए 10 साल से अधिक समय तक घर, प्लॉट या दुकान पर कब्जे का प्रमाण देना आवश्यक होगा। इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों में से कोई एक प्रमाण प्रस्तुत किया जा सकता है:
बिजली बिल
ड्राइविंग लाइसेंस
घरेलू गैस कनेक्शन की रसीद
अन्य संबंधित दस्तावेज़
इन दस्तावेजों के आधार पर नगर निगम की कमेटी सत्यापन करेगी। सत्यापन प्रक्रिया में गांव के लोग, पार्षद और नंबरदार शामिल होंगे। इसके बाद, मालिकाना हक का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
बैंक लोन और संपत्ति का कारोबार
मालिकाना हक मिलने के बाद, लोग अपनी जमीनों को गिरवी रखकर बैंक से लोन प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, जमीन की खरीद-बिक्री भी आसानी से की जा सकेगी। इससे ग्रामीणों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकेंगे।
गृहकर पर विवाद
हालांकि, कुछ ग्रामीण इस सर्वे को लेकर खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि मालिकाना दस्तावेज़ मिलने के बाद उन्हें गृहकर भी देना पड़ेगा। निगम अधिकारियों का कहना है कि 99.99 गज तक की खाली प्लॉट पर कोई गृहकर नहीं लिया जाएगा। लेकिन यदि 100 गज या उससे अधिक जमीन पर घर है, तो वार्षिक गृहकर के रूप में 100 रुपये (ग्राउंड फ्लोर) और 150 रुपये (150 गज जमीन) का भुगतान करना होगा।