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Haryana News: सरकार ने ग्रुप डी के नव नियुक्त कर्मचारियों को बांटे विभाग, पिछले कर्मचारियों को भी पदोन्नत करने का ढूंढा जा रहा है तरीका

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Haryana News: सरकार ने ग्रुप डी के नव नियुक्त कर्मचारियों को बांटे विभाग, पिछले कर्मचारियों को भी पदोन्नत करने का ढूंढा जा रहा है तरीका

Haryana News: हरियाणा सरकार ने आखिरकार ग्रुप डी के नव नियुक्त कर्मचारियों को विभाग आवंटित कर दिए। वे कर्मचारी पिछले कई दिनों से आग्रह कर रहे थे कि उनकी विभाग आवंटन की मांग सरकार तक पहुंचाई जाए। अभी तक ये कर्मचारी जिला उपायुक्तों या मंडल आयुक्तों के कार्यालय में कार्यरत थे। कर्मचारियों को ऑपतन और मेरिट अनुसार विभागों का आवंटन किया गया है।

मगर नव नियुक्त ग्रुप डी कर्मचारी जिस विभाग में ज्वाइन करेंगे, उस विभाग से 5 साल से कम अवधि की सेवा वाले कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। हालांकि यह फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आगामी 28 दिसंबर को होने वाली माँत्रिमंडल की बैठक में किया जाएगा। 

मगर कार्यालय की तरफ से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है कि जिन अस्थायी कर्मचारियों को 14 अगस्त, 2019 तक 5 साल हो गए है, यानी जो जीब सिक्योरिटी एक्ट के अधीन लाभ पात्र है, उन्हें नहीं हटाया जाएगा। मगर जिनकी सर्विस पांच साल से कम है, उन कर्मचारियों को हटाया जा सकता है। हटाने के लिए फॉर्मूला रहेगा कि जो कर्मचारी बाद में आया है, वह पहले हटेगा। यानी जिसकी सर्विस कम है, पहले वह हटेगा। 

ग्रुप डी के कुछ नियुक्त कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी वेरिफिकेशन नहीं हुई है, उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। वे लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें वेतन दिया जाए। हालांकि अब काफी कम कर्मचारी बचे हैं, जिनकी वेरिफिकेशन लंबित है।

ग्रुप डी कर्मचारियों को पदोन्नत करने का ढूंढा जा रहा है तरीका 

जनवरी, 2019 में 18000 से ज्याद ग्रुप डी कर्मचारी नियुक्त हुए थे। जो कर्मचारी सरकारी विभागों में कार्यरत हैं, उनमें से किसी की भी पदोन्नति नहीं हुई है, जबकि जो कर्मचारी बोर्ड निगमों में है, उनकी पदोन्नति हो रही हैं। इसलिए सरकारी विभागों के ग्रुप डी कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी पदोन्नति दी जाए। ये कर्मचारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से भी मिले थे। 

अब उन्होंने ग्रुप डी कर्मचारियों को पदोन्नत करने का तरीका ढूंढ लिया है। इसके लिए ग्रुप सी में क्लर्क पदों के लिए एक कॉमन कैडर बनाना पड़ेगा। इसके लिए एक्ट बनाने पर विचार किया जा रहा है। ग्रुप डी से ग्रुप सी (क्लर्क पद) पद पर पदोन्नत करने के लिए ग्रुप डी कर्मचारियों को किसी परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है।