हरियाणा को मिला अपना आधिकारिक राज्यगीत, विधानसभा में जल्द मिलेगी मंजूरी

हरियाणा (Haryana) का अपना राज्यगीत (national anthem) बनकर तैयार हो गया है और अब यह सिर्फ औपचारिक मंजूरी का इंतजार कर रहा है। 7 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में इसे हरी झंडी मिल जाएगी। यह खबर सुनते ही हरियाणवी संस्कृति के चाहने वालों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
अब भाई, जब बात हरियाणा की हो और उसमें दूध-दही, जट्ट-जमींदारी और वीरता का ज़िक्र न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता! यह नया राज्यगीत हरियाणवी मिट्टी की खुशबू से लबालब भरा हुआ है।
राज्यगीत के पीछे किनका हाथ?
इस राज्यगीत (national anthem) को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है जिनका नाम अब हरियाणा की पहचान से जुड़ चुका है। इस गीत को आवाज दी है डॉ. श्याम शर्मा ने जबकि इसे संगीत से सजाया है पारस चोपड़ा ने और डायरेक्शन का जिम्मा संभाला है रोहतक की मालविका पंडित ने।
मतलब साफ है यह गीत हरियाणा के टॉप कलाकारों का मेल है। अगर इसे म्यूजिक की दुनिया में हरियाणवी सुपरहिट कहें तो कोई गलत नहीं होगा!
हरियाणवी संस्कृति की झलक
हरियाणा के इस राज्यगीत (national anthem) में कुल 21 लाइनें हैं, जिनमें कुरुक्षेत्र की धरती, किसानों की मेहनत, खिलाड़ियों की उपलब्धियां और दूध-दही की शानदार परंपरा को बखूबी पिरोया गया है। यह गीत सुनकर ऐसा लगता है जैसे रागणी (folk song) की मस्ती और देशभक्ति का ज़ज्बा एक साथ घुल गया हो।
हरियाणा की माटी के संस्कार इसमें साफ झलकते हैं—
महाभारत और गीता ज्ञान की धरोहर
किसानों की मेहनत और खेलों में मेडल लाने वाले एथलीट्स
हरियाणवी खान-पान की पहचान—दूध-दही का खाणा
वीर जवानों की बहादुरी और सीमाओं पर सतर्कता
अब भाई, अगर कोई सोच रहा है कि हरियाणा का राज्यगीत किसी सीरियस टोन में होगा, तो बता दें कि इसमें रंगत भी है और हरियाणवी अंदाज़ भी। मतलब सुनकर ऐसा लगेगा जैसे किसी चौपाल पर चाय की चुस्की लेते हुए कोई बुजुर्ग हरियाणा के गौरव की कहानी सुना रहा हो।
हरियाणा का स्वैग और जय-जय हरियाणा!
अब ज़रा गीत की लाइनों पर नजर डालिए—
सादा जीवन, सादा बाणा, दूध-दही का खाणा
मतलब यह कि सादगी हरियाणा की पहचान है, लेकिन जब बात खाने-पीने की आती है तो हरियाणवी छककर खाते हैं। और भाई, दूध-दही का खाणा हरियाणा के DNA में फिट बैठता है।
इसके अलावा—
उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान
खेल खिलाड़ी मैडल लाकर करें देश का मान
भाई, हरियाणा के किसान खेतों में सोना उगाते हैं, तो खिलाड़ी दुनिया में गोल्ड मैडल जीतकर देश का नाम रोशन करते हैं। और जब बात सेना की हो तो हरियाणा के वीर जवान बॉर्डर पर हमेशा तैनात रहते हैं।
इस राज्यगीत के आने से हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को एक नई मजबूती मिलेगी। सरकार का भी मानना है कि हरियाणा के लिए एक आधिकारिक राज्यगीत होना चाहिए, ताकि इसकी पहचान और गर्व को दुनिया के सामने रखा जा सके।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गीत को राज्य के अलग-अलग सरकारी कार्यक्रमों में कैसे इस्तेमाल किया जाएगा। क्या इसे हर सरकारी स्कूल और सरकारी आयोजनों में गाया जाएगा? या फिर यह सिर्फ विधानसभा और राज्य के महत्वपूर्ण मौकों तक सीमित रहेगा? यह तो आने वाला समय बताएगा।