हरियाणा CID विभाग घिरा विवादों में, नाम और पावर को लेकर उठे सवाल, CM सैनी तक पहुंची शिकायत
हरियाणा में सीआईडी का गठन विवादों में घिर गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी तक इसको लकेर शिकायत पहुंची है। इस शिकायत में दावा किया गया है कि सुप्रीम कर्ट के आदेश पर बने हरियाणा के पुलिस कानून (2007) क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) का कोई जिक्र नहीं है। इसमें यह भी कहा गया है कि सीआईडी को इन्वेस्टिगेशन का अधिकार नहीं है। तो ऐसे में उसके नाम में इन्वेस्टिगेशन क्यों शामिल किया गया है।
सरकार ने हाल ही में फरीदाबाद के पूर्व पुलिस कमिश्निर सौरभ सिंह को सीआईडी चीफ लगाया है। सौरभ सिंह 1993 बैच के IPS अधिकारी हैं। सरकार में यह विभाग काफी अहम माना जाता है। इसी वजह से CM नायब सैनी ने इसे अपने पास रखा है।
सीएम सैनी के पास है सीआईडी डिपार्टमेंट
हरियाणा सरकार के वर्ष 2024 में हुए विभागों के बंटवारे में CID को CM नायब सैनी के पास रखा गया है। इसको हिंदी में तो गुप्तचर विभाग बताया गया है लेकिन अंग्रेजी में क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन बताया गया है।
रोचक बात यह है कि सीआईडी अर्थात गुप्तचर विभाग किसी भी आपराधिक मामले में आधिकारिक तौर पर क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन नहीं करता है। हरियाणा सरकार कार्य (आवंटन) नियमावली 1974 में आज तक सीआईडी को अलग विभाग के रूप में नहीं बल्कि प्रदेश के गृह विभाग के अंतर्गत ही दर्शाया गया है।
CID चीफ हैं सौरभ सिंह
22 दिंसबर 2024 को सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार सौरभ सिंह 1998 बैच के IPS अधिकारी को सीआईडी चीफ बनाया गया। सौरभ सिंह मूल रूप से लखनऊ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। अपने 26 साल के कार्यकाल के दौरान सौरभ सिंह फतेहाबाद, भिवानी, झज्जर, सिरसा, रोहतक और जींद में एसपी और गुरुग्राम में पुलिस उपायुक्त और यातायात में पुलिस अधीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर पद पर तैनात थे। करीब एक महीने पहले नवंबर में उन्हें फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। अब उन्हें सीआईडी चीफ नियुक्त किया गया है।