हरियाणा में जोहड़ की जमीन पर कब्जाधारियों को बड़ा झटका, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दिए जांच के आदेश

हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित पीर बोधी स्थल (Pir Bodhi Sthal) के जोहड़ की जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को यह मुद्दा हरियाणा विधानसभा में जमकर उठा जहां रोहतक विधायक बीबी बतरा (BB Batra) ने आरोप लगाए कि सरकारी संरक्षण में भूमाफिया (Land Mafia) इस जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने जांच के आदेश दिए।
विधानसभा में तीखी बहस
विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए बीबी बतरा ने कहा कि रोहतक-गोहाना रोड (Rohtak-Gohana Road) पर स्थित 32.5 एकड़ भूमि का एक बड़ा हिस्सा पीर बोधी स्थल का है जिसमें करीब 12 एकड़ जमीन पर एक प्राचीन जोहड़ (Traditional Pond) मौजूद था।
यह जोहड़ लगभग 125 साल पुराना है और बारिश का पानी जमा करने के लिए अहम था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ऐतिहासिक जल निकाय को भूमाफियाओं ने पाट दिया है और सरकारी संरक्षण में यह कब्जा किया जा रहा है।
विपक्ष के इन आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री महिपाल सिंह ढांडा (Mahipal Singh Dhanda) ने जवाब देते हुए कहा कि राजस्व रिकार्ड (Revenue Records) में कहीं भी जोहड़ का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस जमीन को किसी को आवंटित नहीं किया है और यह वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के अधीन है।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने सरकार को घेरते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि इस मामले को विधानसभा की एक विशेष समिति (Assembly Committee) के माध्यम से देखा जाए और कमेटी के सदस्य मौके पर जाकर निरीक्षण करें। हुड्डा ने यह भी आरोप लगाया कि यह जमीन धीरे-धीरे भूमाफियाओं के कब्जे में जा रही है और प्रशासन जानबूझकर इसे अनदेखा कर रहा है।
सरकारी दस्तावेज क्या कहते हैं?
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार 21 जुलाई 1990 को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में इस भूमि को वक्फ बोर्ड के अधीन बताया गया था। इसके अलावा बरसाती पानी की निकासी के लिए 2024 में सिंचाई विभाग (Irrigation Department) द्वारा एक नाले का निर्माण किया गया जो वक्फ भूमि से होकर गुजरता है। इसे जसिया ड्रेन (Jasia Drain) और मकड़ौली ड्रेन (Makrauli Drain) से जोड़ा गया है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि इस नाले के निर्माण के लिए करीब 1.5 एकड़ भूमि का उपयोग किया गया और वक्फ संपत्ति का कोई अतिक्रमण (Encroachment) नहीं हुआ। हालांकि विपक्ष इस सफाई से संतुष्ट नहीं है और मामले की गहन जांच की मांग कर रहा है।
सीएम सैनी ने दिया जांच का आश्वासन
विधानसभा में जब यह बहस और तेज हो गई तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा अगर किसी ने भी अवैध कब्जा किया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सरकार किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि किसानों ने इस भूमि को पट्टे (Lease) पर लिया हुआ है और वहां खेती कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार के पास इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि वहां अवैध निर्माण हो रहा है लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
भूमाफिया और सरकारी संरक्षण पर सवाल
विपक्ष का आरोप है कि भूमाफिया धीरे-धीरे वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं और प्रशासन इस पर चुप्पी साधे बैठा है। बीबी बतरा ने दावा किया कि पहले जोहड़ में पूरे क्षेत्र का बारिश का पानी इकट्ठा होता था लेकिन अब इसे भरकर निजी स्वामित्व वाली जमीन में बदला जा रहा है।
उन्होंने कहा यह एक ऐतिहासिक जल निकाय था जिसे समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। सरकार खुद इसमें शामिल है तभी तो कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
विधानसभा अध्यक्ष ने दिया निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण (Harvinder Kalyan) ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए सरकार को जांच के आदेश दिए और कहा कि इस पूरे मामले की तह तक जाने की जरूरत है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वक्फ बोर्ड और राजस्व विभाग (Revenue Department) के रिकॉर्ड की जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि जमीन पर किसी तरह का अवैध कब्जा तो नहीं हुआ है।