हरियाणा में कोल्ड स्टोर संचालकों को बड़ी राहत, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किया ये बड़ा ऐलान

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में संचालित कोल्ड स्टोरेजों पर लगने वाले एकमुश्त शुल्क (lump sum fee) की दरों में संशोधन करने का बड़ा फैसला लिया है। अब कोल्ड स्टोरेज की क्षमता के आधार पर शुल्क निर्धारित किया जाएगा जिससे छोटे और मध्यम स्तर के स्टोरेज संचालकों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब 2000 मीट्रिक टन तक या इससे कम क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेजों को मात्र 35 हजार रुपये प्रति कोल्ड स्टोरेज की दर से शुल्क देना होगा।
वहीं 2001-5000 मीट्रिक टन क्षमता वाले स्टोरेजों के लिए यह शुल्क 55 हजार रुपये तय किया गया है। इससे बड़े यानी 5001 मीट्रिक टन या उससे अधिक क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के लिए 70 हजार रुपये प्रति यूनिट शुल्क देना होगा। पहले सभी कोल्ड स्टोरेज संचालकों को 70 हजार रुपये का शुल्क देना पड़ता था जिससे छोटे स्टोरेज संचालक आर्थिक बोझ महसूस कर रहे थे।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार हरियाणा में वर्तमान में कुल 222 कोल्ड स्टोरेज (cold storage units) हैं जिनमें 2000 मीट्रिक टन तक की क्षमता वाले 104 2001-5000 मीट्रिक टन क्षमता वाले 91 और 5001 मीट्रिक टन या उससे अधिक क्षमता वाले 27 स्टोरेज शामिल हैं। इस नई व्यवस्था से विशेष रूप से छोटे और मध्यम कोल्ड स्टोरेज संचालकों को सीधा लाभ मिलेगा।
कोल्ड स्टोरेज संचालकों ने की थी मांग
कुछ समय पहले कोल्ड स्टोरेज संचालकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर छोटे व्यवसायियों को राहत देने का अनुरोध किया था। उनकी प्रमुख मांग थी कि छोटे स्टोरेज संचालकों को कम शुल्क देना पड़े ताकि वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चला सकें। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने उनकी बात को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को इस संबंध में अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
क्या होगा असर?
इस फैसले से प्रदेश के फलों सब्जियों और दुग्ध उत्पादों (dairy products) से जुड़े कारोबारियों को काफी फायदा मिलेगा। छोटे और मध्यम कोल्ड स्टोरेज संचालक अब कम शुल्क चुकाकर अपना व्यवसाय चला सकेंगे जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा किसानों (farmers) को भी इसका फायदा होगा क्योंकि उनके उत्पादों को स्टोर करने की सुविधा सस्ती होगी।
हरियाणा में फल-सब्जी उत्पादन (fruit and vegetable production) लगातार बढ़ रहा है। किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली भंडारण सुविधा (storage facility) की आवश्यकता होती है ताकि वे अपने उत्पादों को लंबे समय तक संरक्षित रख सकें और उन्हें सही समय पर सही कीमत में बेच सकें। सरकार के इस कदम से राज्य के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।