home page

Haryana News: हरियाणा में किसानों के लिए खुशखबरी, सैनी सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान

 | 
hailstorm

हरियाणा के किसानों के लिए एक शानदार ख़बर आई है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में हुए ओलावृष्टि (hailstorm) और बेमौसमी बारिश (unseasonal rain) से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (e-Kshatipurti Portal) खोलने का ऐलान कर दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द किसानों की मदद करें और उनके नुकसान की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करें ताकि मुआवजा (compensation) मिलने में देर न हो।

किसानों को अब नहीं होना पड़ेगा परेशान

बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया था। खेतों में लगी गेहूं (wheat), सरसों (mustard) और चने (gram) की फसलें तबाह हो गईं। किसान भाई (farmers) इस नुकसान से बेहद दुखी थे लेकिन अब हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने उनकी चिंता को समझते हुए राहत देने का फैसला किया है। अब किसानों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे बस ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाकर अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करनी होगी।

इन गांवों के किसानों को मिलेगा फायदा

सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में 97 गांवों को भारी नुकसान हुआ है। खासकर तहसील शाहाबाद (Shahabad) के सभी गांवों और सब-तहसील बाबैन (Babain) के 7 गांवों में बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है। अब किसान इस पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं और जल्द ही मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।

20 मार्च 2025 तक भरें आवेदन

किसानों के लिए राहत भरी बात यह है कि सरकार ने 20 मार्च 2025 तक पोर्टल खुला रखने का आदेश दिया है। इस दौरान सभी प्रभावित किसान अपने नुकसान की सही जानकारी पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। यह एक बड़ा कदम है जिससे किसानों को जल्दी से जल्दी सहायता मिल सकेगी।

कैसे करें आवेदन?

अगर आप भी उन किसानों में से हैं जिनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं। सरकार ने आवेदन की प्रक्रिया बहुत Easy बना दी है। बस इन Steps को फॉलो करें:

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (e-Kshatipurti Portal) पर जाएं।
अपना रजिस्ट्रेशन (Registration) करें।
खेत की जानकारी और नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करें।
दस्तावेज़ (documents) अपलोड करें।
फॉर्म सबमिट (Submit) करें और रसीद (receipt) डाउनलोड करें।

किसानों के लिए बड़ी राहत

यह पोर्टल किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा क्योंकि अब उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पहले मुआवजे की प्रक्रिया (compensation process) में महीनों लग जाते थे लेकिन अब डिजिटल प्लेटफॉर्म (digital platform) से यह काम तेजी से होगा। सरकार का कहना है कि जल्द से जल्द सभी योग्य किसानों (eligible farmers) को मुआवजा मिल जाएगा।