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MSP पर गेहूं खरीद की तारीख बदली, जानिए कब से शुरू होगी सरकारी खरीद

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मध्य प्रदेश में इस बार (government procurement) के तहत गेहूं की खरीद की तारीख में बदलाव किया गया है। किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य के साथ बेहतर क्वालिटी में बेचने का मौका देने के लिए (state government) ने इस वर्ष (procurement schedule) को थोड़ा संशोधित किया है। पहले जहां 1 मार्च से खरीद शुरू होनी थी अब इसे आगे बढ़ाकर 15 मार्च 2025 कर दिया गया है।

गेहूं में अधिक नमी

राज्य में कई जगहों पर पिछले कुछ हफ्तों में अनियमित मौसम (irregular weather) देखने को मिला है। कई इलाकों में बारिश और अचानक आए तापमान परिवर्तन के चलते खेतों में खड़ी फसल की कटाई में देरी हुई है। यही कारण है कि जो किसान पहले ही अपनी फसल तैयार कर चुके थे, उनके गेहूं में (moisture content) बढ़ने की संभावना अधिक हो गई थी।

राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री (Food and Civil Supplies Minister) गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, हम किसानों की स्थिति को देखते हुए नीतियों में बदलाव कर रहे हैं ताकि उन्हें (fair price) मिल सके और उनकी उपज की गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े। सरकार चाहती है कि किसान बेहतर क्वालिटी का अनाज बेचें ताकि आगे की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

किसानों को मिलेगा अतिरिक्त समय

सरकार के इस निर्णय से किसानों को राहत मिलने की संभावना है। गेहूं खरीद की तारीख आगे बढ़ाने से किसानों को अपनी उपज की सही देखभाल करने का मौका मिलेगा। वे अपनी फसल को उचित रूप से सुखाने और सफाई करने के बाद मंडियों में लाने के लिए अधिक समय प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि (Minimum Support Price - MSP) के तहत आने वाला गेहूं तय मानकों के अनुसार खरीदा जाए।

प्रदेश के किन जिलों में कब से शुरू होगी खरीद?

हालांकि, 1 मार्च से इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं खरीद का कार्य शुरू हो चुका था। लेकिन शुरुआती दौर में आई (quality issues) की वजह से कई किसानों को अपने गेहूं में अधिक नमी की समस्या का सामना करना पड़ा। ऐसे में सरकार ने 15 मार्च से पूरे राज्य में गेहूं खरीद प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

समय पर पंजीकरण कराएं

मध्य प्रदेश खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (MP Food and Public Distribution Department) की ओर से सभी किसानों से अपील की गई है कि जो भी अपनी उपज (MSP) पर बेचना चाहते हैं, वे अपना पंजीकरण (registration) समय पर करा लें। ऐसा न करने पर वे इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

राज्य सरकार के अनुसार, इस साल 15 मार्च से गेहूं खरीद अभियान शुरू होकर 5 मई तक चलेगा। इस दौरान किसानों को अपनी उपज को सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार बेचना होगा।

किसानों के लिए राहत

इस बार किसानों को गेहूं के समर्थन मूल्य (support price) के रूप में 2425 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने किसानों को अतिरिक्त राहत देने के लिए 175 रुपये प्रति क्विंटल का (bonus) देने की घोषणा की है, जिससे कुल मिलाकर किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य प्राप्त होगा। यह कीमत पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है, जब किसानों को अधिकतम 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक का मूल्य दिया गया था।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, हमारी सरकार किसानों की भलाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस बार हमने एमएसपी से अधिक मूल्य देने का निर्णय लिया है ताकि किसानों को (financial support) मिल सके और वे अपनी मेहनत का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।

गेहूं खरीद के लिए क्या करना होगा?

अगर आप मध्य प्रदेश के किसान हैं और अपनी उपज को सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:

ऑनलाइन पंजीकरण: राज्य सरकार की वेबसाइट या नजदीकी (registration center) पर जाकर अपना पंजीकरण कराएं।

समय पर गेहूं मंडी में लाएं: निर्धारित तारीखों के भीतर अपनी फसल को लेकर मंडी पहुंचें।

नमी की जांच करें: सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार गेहूं में नमी की मात्रा 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

समय पर भुगतान: सरकार किसानों को जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करेगी, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से कोई समस्या न हो।

कृषि विशेषज्ञों की सलाह

कृषि विशेषज्ञों (Agriculture Experts) का कहना है कि किसानों को इस अतिरिक्त समय का सही उपयोग करना चाहिए। वे सुझाव देते हैं कि:

खेतों में कटाई से पहले गेहूं को अच्छी तरह से पकने दें।

कटाई के बाद अनाज को पूरी तरह से सूखने दें ताकि नमी की समस्या न आए।

सफाई करके अच्छी क्वालिटी का गेहूं ही मंडी में बेचने के लिए लेकर जाएं।