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Camel Milk: गाय और भैंस से भी महंगा है ऊंटनी का दूध, गजब के फायदे जानकर सोच में पड़ जाएंगे आप

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Camel Milk

Camel Milk: राजस्थान का नाम आते ही सबसे पहले ऊंट और रेगिस्तान की तस्वीर ज़हन में आती है. ऊंट जिसे प्यार से रेगिस्तान का जहाज (Ship of the Desert) कहा जाता है सदियों से यहाँ के लोगों का साथी रहा है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऊंटनी का दूध (Camel Milk) कितना खास होता है? अगर नहीं तो जनाब अब जान लीजिए क्योंकि इसका स्वाद चखने से पहले ही इसकी कीमत सुनकर आपके होश उड़ सकते हैं।

ऊंटनी का दूध

गाय और भैंस के दूध को तो हम रोज़मर्रा की जिंदगी में देखते-सुनते हैं लेकिन ऊंटनी का दूध आज भी एक रहस्य की तरह है. यह दूध सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी किसी औषधि से कम नहीं. यह डायबिटीज (Diabetes) अस्थमा (Asthma) और हड्डियों की कमजोरी जैसी कई बीमारियों में फायदेमंद होता है. डॉक्टर भी मानते हैं कि ऊंटनी के दूध में ऐसा दम है कि यह शरीर की इम्युनिटी (Immunity) को बूस्ट करने में मदद करता है. लेकिन जनाब इसे पचाने के लिए भी दम चाहिए।

बाड़मेर के पशुपालकों की धांसू पहल

अब तक ऊंटनी का दूध केवल खास लोगों तक ही पहुंच पाता था लेकिन बाड़मेर जिले के थुम्बली गांव के पशुपालक देवी सिंह और रूप सिंह ने इसे आम जनता तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया है. भाई साहब ये लोग ऊंटनी के दूध को पैक करके बेच रहे हैं ताकि जो लोग इसे आज़माना चाहते हैं उन्हें आसानी से मिल सके. सोचिए पहले जहाँ लोग सिर्फ सुना करते थे कि ऊंटनी का दूध कितना अनमोल है अब वे इसे खरीदकर पी भी सकते हैं।

कैसे होता है ऊंटनी का दूध तैयार?

अब ये मत सोचिए कि ऊंटनी हर वक्त दूध देती रहती है। पशुपालक देवी सिंह बताते हैं कि उनके पास करीब 80 ऊंटनियाँ हैं लेकिन उनमें से केवल 25-30 ऊंटनियाँ ही दूध देती हैं. एक ऊंटनी एक दिन में 2 से 2.5 लीटर दूध ही देती है. यानी पूरे दिन में केवल 40 लीटर दूध तैयार होता है. अब इतनी लिमिटेड सप्लाई हो तो कीमतें आसमान पर तो होंगी ही।

ऊंटनी के दूध की कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश

गाय और भैंस का दूध 50-60 रुपये लीटर में मिल जाता है लेकिन अगर आपको ऊंटनी का दूध चाहिए तो जेब ढीली करनी पड़ेगी. पशुपालक रूप सिंह बताते हैं कि ऊंटनी का दूध 250 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है. इतना ही नहीं अगर आपको सिर्फ एक गिलास (Glass) ही पीना हो तो भी 70 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। भाई साहब यह दूध पीने के लिए जेब भी हेल्दी होनी चाहिए।

राजस्थान में ऊंटों की घटती संख्या

ऊंट राजस्थान की पहचान हैं लेकिन अफसोस की बात यह है कि इनकी संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक नारायण सोलंकी के अनुसार 2017 की पशुगणना के मुताबिक बाड़मेर जिले में 25919 ऊंट थे. हालांकि ताजा पशुगणना के बाद इस संख्या में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है. ऐसे में ऊंटनी के दूध के व्यवसायीकरण से ऊंटों की संख्या बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

सेहत के लिए वरदान

डॉक्टर थान सिंह बताते हैं कि ऊंटनी का दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है लेकिन इसे सही तरीके से पीना बेहद ज़रूरी है. इसका स्वाद थोड़ा अलग होता है और यह आसानी से पचता नहीं है. इसलिए बच्चों को इसे पानी में मिलाकर देना चाहिए. वहीं अगर आप पहली बार इसे ट्राई कर रहे हैं तो धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएं वरना पेट में 'रेगिस्तान' जैसी हालत हो सकती है।

ऊंटनी का दूध क्यों है इतना खास?

डायबिटीज कंट्रोल: ऊंटनी के दूध में इंसुलिन (Insulin) जैसा प्रोटीन होता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होता है.
इम्युनिटी बूस्टर: यह दूध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है.
हड्डियों के लिए फायदेमंद: इसमें कैल्शियम (Calcium) की मात्रा ज्यादा होती है जिससे हड्डियाँ मजबूत होती हैं.
एलर्जी से राहत: ऊंटनी का दूध लैक्टोज (Lactose) इनटॉलरेंस वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
पाचन तंत्र में सुधार: इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है.