हरियाणा में 5 नए जिलों को लेकर बड़ा अपडेट जारी! कैबिनेट सब कमिटी ने सुनाया यह फैसला, जानें
Haryana Big News: हरियाणा राज्य सरकार ने नए जिलों, उपमंडल, उप तहसील और नई तहसीलों के गठन के लिए अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कैबिनेट सब कमिटी की बैठक में यह तय किया गया है कि इन प्रस्तावों पर फैसला लेने से पहले जिला उपायुक्त (DC) की सिफारिश और अन्य जरूरी दस्तावेज़ों को अनिवार्य किया जाएगा।
नए जिलों के गठन के लिए क्या है प्रक्रिया?
अब, हरियाणा में नए जिलों, उपमंडल और तहसीलें बनाने के लिए केवल डीसी की सिफारिश ही जरूरी नहीं होगी, बल्कि इसके लिए ब्लॉक समिति, विधानसभा विधायक, और नगर पालिका या नगर निगम से भी प्रस्ताव प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इन सभी आवश्यक प्रस्तावों और सिफारिशों के बिना राज्य में कोई नया जिला नहीं बनाया जा सकेगा।
कैबिनेट सब कमिटी के पास आए प्रस्ताव
कैबिनेट सब कमिटी के पास पांच नए जिलों की मांग आई है, जिनमें हांसी, गोहाना, असंध, सफीदो और डबवाली शामिल हैं। हालांकि, यह प्रस्ताव आधे अधूरे दस्तावेजों के कारण अभी तक विचाराधीन हैं। कैबिनेट सब कमिटी ने संबंधित जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे जरूरी दस्तावेज़ पूरे कर उन्हें सब कमिटी के पास भेजें, ताकि इस पर निर्णय लिया जा सके।
महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट सब कमिटी की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं, जिनमें महेंद्रगढ़ जिले के गांव मंडोला को उप तहसील सतनाली में शामिल किया गया।रेवाड़ी जिले के बरेलीकलां गांव को उप तहसील पाल्लावास से निकालकर तहसील रेवाड़ी में शामिल किया गया।
यमुनानगर जिले के गांव गुंदियाना को रादौर तहसील से बाहर निकालकर उप तहसील सरस्वती नगर में शामिल किया गया। फरीदाबाद जिले के सेक्टर 15 ए और 16 ए को बड़खल तहसील से निकालकर तहसील फरीदाबाद में शामिल किया गया। फरीदाबाद के सेक्टर 21 ए और 21 बी को बड़खल तहसील में शामिल किया गया।
गांव के सरपंच की भूमिका
इसके अलावा, गांवों को उप तहसील या तहसील में शामिल करने के लिए संबंधित गांव के सरपंच का प्रस्ताव भी जरूरी होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर गाँव और उसके निवासियों का हित ध्यान में रखा जाए और प्रशासनिक रूप से उनका उचित प्रतिनिधित्व हो।
चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने कहा
कैबिनेट सब कमिटी के चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि जैसे-जैसे ब्लॉक समिति, विधायक, नगर पालिका, नगर निगम और जिला उपायुक्त की सिफारिशें प्राप्त होती रहेंगी, कैबिनेट सब कमिटी नए जिलों, उपमंडल और तहसीलों के गठन पर निर्णय लेती रहेगी। यह प्रक्रिया राज्य में प्रशासनिक सुधार और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।