HKRN: हरियाणा में युवाओं के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। बता दे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक आदेश ने निगम की भर्ती प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की ओर इशारा किया है। अदालत ने सामाजिक-आर्थिक मानदंडों और अनुभव के आधार पर मिलने वाले अंकों पर रोक लगा दी है, जिसके बाद अब निगम की पॉलिसी में बदलाव होने की संभावना है।
सामाजिक-आर्थिक मानदंडों पर रोक
हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत भर्तियों में पहले सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के आधार पर अंक मिलते थे, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब इस पर रोक लगा दी गई है। अदालत ने इसे भारतीय संविधान के खिलाफ माना है। अब, ‘सामाजिक-आर्थिक मानदंड’ के तहत किसी भी प्रकार के अंक नहीं दिए जाएंगे। इससे पहले हरियाणा सरकार ने इस मामले में एसएलपी (स्पेशल लीव पेटीशन) भी खारिज कर दी थी।
इसके अलावा, निगम की पॉलिसी के तहत अनुभव के आधार पर भी अंक दिए जाते थे, लेकिन अदालत ने इसमें भी बदलाव की सिफारिश की है। अब केवल उन उम्मीदवारों को ही अनुभव के अंक मिलेंगे, जिनका अनुभव हरियाणा सरकार के अधीन किसी विभाग, विश्वविद्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, मिशन या प्राधिकरण में है।
निगम की पॉलिसी में क्या बदलाव आएंगे?
हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम को डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी 2022 में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। इस बदलाव के बाद, अब सामाजिक-आर्थिक मानदंडों और गैर-सरकारी संस्थानों में प्राप्त अनुभव के आधार पर अंक नहीं दिए जाएंगे। इस प्रकार, निगम की भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित की जाएगी।
हरियाणा कौशल रोजगार निगम की स्थिति
हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अब तक राज्य के लगभग 1 लाख युवाओं को रोजगार मिल चुका है। निगम की तरफ से समय-समय पर विभिन्न भर्तियां निकाली जाती रही हैं, और उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाता है। हालाँकि, अब अदालत के आदेश के बाद इस प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं।