हरियाणा में इन जमीनों का होगा अधिग्रहण, पलवल से अलीगढ़ तक बनेगा ये नया एक्सप्रेसवे

अब तक की जानकारी के अनुसार नया अलीगढ़-पलवल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यातायात को बेहतर बनाने वाला एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट होगा। इस लेख में इस एक्सप्रेसवे के निर्माण, लागत, लाभ और अन्य संबंधित जानकारियों पर विस्तृत चर्चा की गई है।
अलीगढ़-पलवल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश में सड़कों और एक्सप्रेसवे (Expressways) के निर्माण में पिछले कुछ वर्षों में तेजी आई है। इसी कड़ी में एक और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है जो अलीगढ़ से हरियाणा के पलवल तक यात्रियों को बेहतरीन कनेक्टिविटी (Connectivity) उपलब्ध कराएगा।
यह एक्सप्रेसवे टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे और पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) से इंटरचेंज के जरिए जुड़ेगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और अन्य क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
2300 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
सरकार ने इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए करीब 2300 करोड़ रुपये की लागत तय की है। यह प्रोजेक्ट करीब 32 किलोमीटर लंबा होगा, जिससे अलीगढ़, मथुरा, आगरा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे महत्वपूर्ण शहरों की यात्रा आसान होगी।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सारसौल से यमुना एक्सप्रेसवे तक की यात्रा मात्र एक घंटे में पूरी हो सकेगी, जिससे दिल्ली, मथुरा और आगरा जाने वाले यात्रियों को बहुत लाभ मिलेगा।
43 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित
इस परियोजना के तहत अलीगढ़ जिले के 43 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें प्रमुख गांव अंडला, अर्राना, जरारा, चौधाना, तरौरा, नयावास, रसूलपुर, ऐंचना, उदयगढ़ी, बमौती, लक्ष्मणगढ़ी, मऊ, बांकनेर आदि शामिल हैं।
इसके अलावा, धर्मपुर, नगला अस्सू, दमुआका, खैर, उसरहपुर रसूलपुर और नागल कलां जैसे कई अन्य गांवों की भूमि भी इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की जाएगी।