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8th Pay Commission: 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को नववर्ष दे सकता है बड़ी सौगात, हो सकती है आठवें वेतन आयोग की घोषणा

केंद्र सरकार के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है आठवें वेतन आयोग का गठन। देश भर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को लागू कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, कर्मचारी महासंघों ने सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने और कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को नियमित करने की भी मांग की है।
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8th Pay Commission: 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को नववर्ष दे सकता है बड़ी सौगात, हो सकती है आठवें वेतन आयोग की घोषणा

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है आठवें वेतन आयोग का गठन। देश भर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को लागू कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, कर्मचारी महासंघों ने सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने और कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को नियमित करने की भी मांग की है।

करोड़ कर्मचारियों औरपेंशनभोगियों की नाराजगी

कर्मचारी महासंघ के अनुसार, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 9 साल पहले लागू हुई थीं, और अब समय आ गया है कि वेतन और पेंशन के लिए एक नए आयोग का गठन किया जाए। इससे न केवल सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि पेंशनभोगियों को भी बेहतर फायदे मिल सकेंगे। वर्तमान में सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में गहरी निराशा है।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ का विरोध

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ (AIGSEF) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की है। महासंघ ने नए साल के मौके पर देशभर में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। 28-29 दिसंबर को यूपी के कानपुर में होने वाली नेशनल एग्जिक्युटिव मीटिंग में इस आंदोलन की योजना तैयार की जाएगी। सुभाष लांबा, महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ने कहा कि कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं जैसे ओल्ड पेंशन स्कीम और कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सरकार से जल्द समाधान की आवश्यकता है।

आठवें वेतन आयोग का गठन क्यों जरूरी है?

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं, और अब नौ साल पूरे हो चुके हैं। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए इस लंबे अंतराल के बाद एक नए वेतन आयोग की आवश्यकता महसूस हो रही है। नए वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों की वेतन वृद्धि, पेंशन सुधार और अन्य भत्तों में सुधार संभव होगा। इसके साथ ही, पेंशन और वेतन संशोधन की तारीख 1 जनवरी 2026 तय की गई है। यदि आठवें वेतन आयोग का गठन समय पर नहीं होता है, तो वेतनभोगी कर्मचारियों को भारी नुकसान हो सकता है।

एनसी जेसीएम का पत्र

राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष) संयुक्त सलाहकार मशीनरी (NC JCM) ने 3 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर तत्काल नए वेतन आयोग के गठन का अनुरोध किया। पत्र में कहा गया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू हुए लगभग 9 साल हो चुके हैं, और अब समय आ गया है कि कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान दिया जाए।

सरकार का रुख

हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई योजना नहीं है। राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी कहा कि इस विषय पर अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसके बावजूद, कर्मचारी महासंघ और एनसी जेसीएम अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और वे सरकार से जल्द फैसला लेने की अपेक्षा कर रहे हैं।